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Subhash Ghai Super Hit Movies : यह कहानी सिनेमा के उस जादूगर की है जो अपनी किस्मत आजमाने के लिए मुंबई आया. परिवार में दूर-दूर तक कोई फिल्म लाइन में नहीं था. मुंबई में बिना किसी जान-पहचान के अपना संघर्ष शुरू किया. बीआर चोपड़ा से लेकर कई प्रोड्यूसर्स पसंद करते थे लेकिन काम नहीं दिया. छोटे-मोटे रोल करके गुजारा किया. फिर एक्टिंग बंद करके स्क्रिप्ट लिखने लगे. सफलता मिली तो खुद की फिल्में बनाना शुरू कीं. 15 साल में 7 सुपरहिट फिल्में बनाईं. कौन है ये बॉलीवुड सितारा, आइये जानते हैं इनकी जिंदगी से जुड़े दिलचस्प पहलू…
दिल्ली का एक सीधा-सादा लड़का बचपन से ही नाटकों-कहानियों में रुचि रखता था. स्कूल-कॉलेज में कई पुरस्कार मिले. कॉलेज पूरा करने के बाद पिता को अपना सपना बताया और फिल्म लाइन में जानने की इच्छा बताई. नाम था : सुभाष घई. घई ने पुणे FTII से डिप्लोमा करने के बाद मुंबई का रुख किया लेकिन मनमाफिक काम नहीं मिला. छोटे-मोटे रोल करके गुजारा किया. बाद में खुद से फिल्में बनाई. फिर क्या था, असलता को सफलता बदलने का फॉर्मूला अपनाकर घई ने 15 साल में 7 सुपरहिट फिल्में बनाई. शोमैन सुभाष घई कहलाए. आइये जानते हैं उनके फर्श से अर्श की कहानी…..

सुभाष घई हीरो बनने के लिए आए थे लेकिन उन्हें बतौर डायरेक्टर प्रसिद्धि मिली. 24 जनवरी 1945 को जन्में घई के पिता जाने-माने डॉक्टर थे. घई का बचपन नाना-नानी के घर में नागपुर में बीता. पुणे FTII से डिप्लोमा करने के बाद तकदीर, उमंग, आराधना जैसी फिल्मों में बतौर एक्टर काम किया. काम में मन नहीं लगा. घई ने बताया था कि जो रोल उन्हें मिलते थे, उनकी स्क्रिप्ट उन्हें पसंद नहीं आती थी. ऐसे में घई स्क्रिप्ट राइटिंग का काम करने लगे.

सुभाष घई ने दूरदर्शन शेषाद्रि को दिए एक इंटरव्यू में बताया था, ‘सब प्रोड्यूसर ने मुझे इज्जत थी लेकिन काम नहीं दिया. राजश्री प्रोडक्शन की ओर से मुझे पहली फिल्म मिली. नाम था : तकदीर. 1000 रुपये मिले थे. फिल्म में फरीदा जलाल के लवर का रोल था. फिर गुरु दत्त के भाई आत्माराम ने फिल्म देखी तो मुझे पसंद कर लिया. उन्होंने उमंग फिल्म बनाई. 11 लड़के और 11 लड़कियां 700 रुपये के महीने पर रखे थे. इनमें से एक मैं भी था. 700 रुपये मिलने के बाद मैंने रेहाना उर्फ मुक्ता से शादी कर ली. मैं एक्टर बनने की कोशिश में नाकामयाब रहा. फिर मैं स्क्रिप्ट लिखने लगा. प्रकाश मेहरा ने फिल्म बनाने का निर्णय लिया. उन्होंने मुझे बतौर एक्टर लेने से मना कर दिया. मुझे कहानी के पैसे जरूर मिले.’

घई ने आगे के सफर के बारे में बताया, ‘कालीचरण के बाद मैंने एक और फिल्म ‘विश्वनाथ’ बनाई, वो भी सुपरहिट हो गई. फिर ‘गौतम गोविंदा’ और ‘क्रोधी’ फिल्म बनाई. दोनों फिल्में फ्लॉप रही. फिर एक बार झटका लगा. फिर मैंने 1980 में ‘कर्ज’ फिल्म बनाई. फिल्म को खुद प्रोड्यूस किया था. 10 हजार रुपये से यह फिल्म शुरू की लेकिन 1980 में ही कुर्बान फिल्म आ गई. मेरी फिल्म उतनी नहीं चली. कर्ज ने मुझे बहुत अच्छा नाम दिया लेकिन फिल्म फ्लॉप हो गई. मेरी वह फिल्म समय के आगे की फिल्म थी. फिर मैंने ‘विधाता’ फिल्म की कहानी लिखी और गुलशन राय को सुनाई. दिलीप कुमार और संजय दत्त को साइन किया. विधाता ब्लॉकबस्टर रही. फिर मैंने अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस शुरू किया. विधाता फिल्म से ही मैंने नए स्टार को मौका देना शुरू किया.’

घई ने बताया, ‘मैंने तय कर लिया था कि मैं सिर्फ नए स्टार्स को ही मौका दूंगा. जब ‘हीरो’ फिल्म शुरू की तो मीनाषी शेषाद्रि और जैकी श्रॉफ को मौका दिया. जैकी को बिल्कुल भी एक्टिंग नहीं आती थी. ‘हीरो’ फिल्म पहले चार दिन नहीं चली. एक बार तो ऐसा लगा कि फिल्म फ्लॉप हो जाएगी. फिर यह फिल्म 75 हफ्ते तक चलती रही. फिर मैं इंडस्ट्री में स्थापित हो गया. ये सफलता मुझे 6 फिल्में बनाने के बाद मिली.’

एम लेटर से खास लगाव रखने वाले घई ने बताया, ‘मैंने ज्यादातार न्यू कमर्स को फिल्मों में लिया. जैकी श्रॉफ, महिमा चौधरी, मनीषा कोइराला, अनिल कपूर, अनुपम खेर, मीनाक्षी शेषाद्रि..इन सभी के साथ काम किया. इसमें से बहुत एक्टर्स ऐसे थे जिनकी दूसरी या तीसरी फिल्म मेरे साथ थी.’

<br />सुभाष घई ने न्यू कमर्स के साथ काम किया. बॉलीवुड को 4 सुपरस्टार दिए. इसमें जैकी श्रॉफ, मीनाक्षी शेषाद्रि, महिमा चौधरी और मनीषा कोइराला को बॉलीवुड में मुकाम दिलाया. इसमें जैकी श्रॉफ और मीनाक्षी को ‘हीरो’, महिमा चौधरी को ‘परदेस’, मनीषा कोइराला को ‘सौदागार’ मूवी में घई ने ही कास्ट किया था.

सुभाष घई ने 15 साल में बॉलीवुड को लगातार 7 सुपरहिट फिल्में दीं. सफल फिल्मों का सफर 1982 से शुरू हुआ था. 3 दिसंबर को उनकी फिल्म विधाता रिलीज हुई थी. यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर रही थी. फिर 1983 में ‘हीरो’ मूवी ने बॉक्स ऑफिस पर गर्दा मचा दिया था. 1986 में कर्मा, 1989 में राम लखन, 1991 में सौदागर, 1993 में खलनायक, 1997 में परदेस जैसी सुपरहिट फिल्में दीं.
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