साउथ अफ्रीका को करीब तीन साल बाद वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की संदिग्ध (ग्रे) सूची से बाहर निकलने में सफलता मिली है. वैश्विक धन शोधन और आतंकवादी वित्तपोषण निगरानी संस्था ने पिछले सप्ताह पेरिस में अपनी तीन दिवसीय पूर्ण बैठक के समापन के बाद इस निर्णय की घोषणा की.
FATF की संदिग्ध सूची में शामिल देशों पर कड़ी निगरानी रखी जाती है और ऐसे देशों को धन शोधन, आतंकवादी वित्तपोषण आदि का मुकाबला करने के लिए रणनीतिक कमियों को दूर करना होता है. दक्षिण अफ्रीका के वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘बीते 32 महीनों में, दक्षिण अफ्रीका ने कार्य योजना की प्रगति का आकलन करने के लिए FATF की ओर से नियुक्त समीक्षकों की एक टीम के साथ काम किया है.’
FATF को दक्षिण अफ्रीका की ओर से आश्वासन
बयान के मुताबिक, ‘इस सहयोग की वजह से जुलाई 2025 के अंत में समीक्षकों ने मौके का मुआयना किया. इस दौरान समीक्षक सुधारों की स्थिरता की पुष्टि करने के लिए यहां आए और उनकी ओर से तैयार रिपोर्ट एफएटीएफ के समक्ष प्रस्तुत की गई.’
बयान में कहा गया कि FATF को आश्वासन दिया गया कि सरकार धन शोधन निरोधक और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने (AML/CFT) वाली प्रणाली में स्थायी सुधार के लिए प्रतिबद्धता है. हालांकि, वित्त मंत्रालय ने FATF की संदिग्ध सूची में वापस शामिल किए जाने से बचने के लिए किसी भी तरह की लापरवाही के प्रति आगाह भी किया है. FATF ने दक्षिण अफ्रीका के अलावा नाइजीरिया, मोजाम्बिक और बुर्किना फासो को भी अपनी संदिग्ध सूची से हटा दिया है.
क्या है FATF का काम?
FATF (Financial Action Task Force) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो वैश्विक स्तर पर धन शोधन (Money Laundering) और आतंकवाद के वित्त पोषण (Terrorism Financing) को रोकने के लिए काम करता है.
FATF को 1989 में जी-7 देशों की ओर से स्थापित किया गया था और इसका उद्देश्य देशों में वित्तीय अपराधों की रोकथाम के लिए मानक और दिशा-निर्देश तय करना है. FATF के सदस्य देशों में 39 सदस्य देश और क्षेत्र शामिल हैं, जो मिलकर वैश्विक वित्तीय अपराधों के खिलाफ कदम उठाते हैं.
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