लखनऊ/एबीएन न्यूज। परिचालनिक सुगमता और रेल यातायात क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से पूर्वोत्तर रेलवे की डोमिनगढ़-गोरखपुर जं.-गोरखपुर कैंट-कुसम्ही तीसरी लाइन तथा गोरखपुर जं.-नकहा जंगल दोहरीकरण परियोजना (22 किमी.) को रू. 520 करोड़ की लागत से सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। परियोजना के अंतिम चरण में गोरखपुर जं.-डोमिनगढ़ (4 किमी.) तीसरी लाइन और गोरखपुर-नकहा जंगल (5 किमी.) दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण कार्य संपन्न हुआ।
रेल संरक्षा आयुक्त (उत्तर पूर्व सर्किल) श्री प्रणजीव सक्सेना ने आज गोरखपुर जं.-डोमिनगढ़ तीसरी लाइन और गोरखपुर-नकहा जंगल दोहरीकरण का निरीक्षण किया और सफल स्पीड ट्रायल किया। इस मौके पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण श्री अभय कुमार गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ श्री गौरव अग्रवाल समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

इस परियोजना के तहत डोमिनगढ़, गोरखपुर जं., गोरखपुर कैंट, कुसम्ही और नकहा जंगल स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (ई.आई.) प्रणाली स्थापित की गई है। यह डिजिटल तकनीक ट्रेन संचालन को अधिक संरक्षित, सुगम और मानवीय त्रुटि से मुक्त बनाती है। अब ट्रेनों का संचालन कंप्यूटर डिस्प्ले पर मात्र एक क्लिक से किया जा सकेगा।

तीसरी लाइन और दोहरीकरण से ट्रेन संचालन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे यात्री ट्रेनों का संचालन और समय पालन बेहतर होगा, जबकि मालगाड़ियों का परिचालन तेज़ और सुगम होगा, जिससे व्यापार एवं उद्योग जगत को लाभ मिलेगा। गोरखपुर कैंट अब सैटेलाइट स्टेशन के रूप में और बेहतर कार्य करेगा।

परियोजना पूरी होने से क्षेत्र में कृषि, व्यापार, वाणिज्य, शिक्षा, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवाओं को गति मिलेगी और यात्रियों की आवाजाही भी सुगम होगी। इस अवसर पर वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक श्री प्रसन्न कात्यायन, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी डॉ. शिल्पी कन्नौजिया, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर श्री दीपक कुमार, वरिष्ठ मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर श्री वैभव श्रीवास्तव सहित कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
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