लखनऊ/एबीएन न्यूज़। भारतीय रेलवे ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए मैलानी–नानपारा मीटर गेज रेल लाइन को उसके स्टेशनों, रोलिंग स्टॉक, सिग्नलिंग और अन्य संपत्तियों सहित हेरिटेज लाइन के रूप में संरक्षित करने की घोषणा की है।
यह 170.90 किलोमीटर लंबी रेल लाइन, जो दुधवा नेशनल पार्क जैसे समृद्ध वन्यजीव क्षेत्र से होकर गुजरती है, अब भारत की सांस्कृतिक और प्राकृतिक रेलवे विरासत का प्रतीक बनेगी।
रेल मंत्रालय के इस निर्णय से जहां ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण होगा, वहीं स्थानीय अर्थव्यवस्था और इको-टूरिज्म को भी नई गति मिलेगी। 130 वर्ष से अधिक पुरानी इस लाइन को रेलवे बोर्ड ने आधिकारिक रूप से विरासत सूची में शामिल किया है। इस खंड में 13 स्टेशन, 52 छोटे पुल और 19 बड़े पुल हैं, जो ब्रिटिश काल की इंजीनियरिंग कला की मिसाल माने जाते हैं।
मैलानी जंक्शन, पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के अंतर्गत एक प्रमुख स्टेशन है, जो ब्रॉड गेज (BG) और मीटर गेज (MG) दोनों संरचनाओं से सुसज्जित है — यह अपने आप में एक दुर्लभ “दोहरा गेज विरासत उदाहरण” है।
रेलवे बोर्ड की कार्यकारी निदेशक (हेरिटेज) श्रीमती आशिमा मेहरोत्रा ने 5 अप्रैल 2025 को इस सेक्शन का निरीक्षण किया। उन्होंने मैलानी से दुधवा (42 किमी) तक एमजी विस्टाडोम हेरिटेज ट्रेन से यात्रा की। यह आयोजन गोरखपुर जंक्शन के 140 वर्ष पूरे होने पर मनाए गए “स्टेशन महोत्सव” का हिस्सा था।
निरीक्षण के दौरान पारंपरिक रेलवे उपकरण, फर्नीचर और एमजी डीजल इंजनों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया।
श्रीमती मेहरोत्रा ने कहा “यह रेल लाइन न केवल रेलवे इतिहास की जीवंत कड़ी है, बल्कि दुधवा के वन्यजीवों और प्राकृतिक सौंदर्य से जुड़कर पर्यटन की अपार संभावनाएँ प्रदान करती है।”
माननीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने 2022 में मैलानी–बिछिया टूरिस्ट वातानुकूलित कोच (एमजी) का शुभारंभ किया था, जो इस दिशा में पहला कदम था। अब हेरिटेज दर्जा मिलने से पर्यटन, क्षेत्रीय संपर्क और स्थानीय आजीविका को सशक्त बल मिलेगा।

“स्टेशन महोत्सव” के दौरान मैलानी से दुधवा तक हेरिटेज टूरिस्ट स्पेशल ट्रेन चलाई गई, जिसमें स्कूली बच्चों और स्थानीय जनजातियों ने भाग लिया। पारंपरिक ‘थारू नृत्य’ और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को आकर्षक बना दिया।

रेल मंत्रालय की योजना के अनुसार मैलानी और दुधवा स्टेशनों पर पारंपरिक रेलवे उपकरणों का सूचीकरण और संरक्षण किया जाएगा। एमजी डीजल इंजनों के रखरखाव के लिए समर्पित सुविधाएं स्थापित होंगी। इस पहल को पर्यावरण–अनुकूल पर्यटन और सतत विकास से जोड़ा जाएगा।
रेल मंत्रालय का मानना है कि यह पहल स्थानीय रोजगार सृजन के साथ-साथ पर्यटकों को दुधवा नेशनल पार्क तक एक अनूठा रेल अनुभव प्रदान करेगी — जहाँ विरासत, प्रकृति और पर्यटन एक साथ मिलकर ‘हरित विकास’ का नया अध्याय लिखेंगे।
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