लखनऊ/एबीएन न्यूज। भारतीय रेल ने लॉजिस्टिक्स सेवाओं के आधुनिकीकरण और ग्राहक सुविधाओं के विस्तार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लखनऊ मंडल के सोनिक गुड्स शेड से देश की पहली “डोर-टू-डोर लॉजिस्टिक्स सेवा” का शुभारंभ किया।
यह सेवा कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CONCOR) द्वारा संचालित की जाएगी। परियोजना को प्रारंभिक रूप से दो वर्षों की अवधि के लिए स्वीकृत किया गया है, जिसे आवश्यकता अनुसार दो वर्ष के लिए और बढ़ाया जा सकेगा।
सोनिक गुड्स शेड, श्रेणी–1 का एक प्रमुख केंद्र है, जहां हर माह औसतन 13 इनवर्ड रेक्स (खाद्यान्न, उर्वरक, सीमेंट आदि) और लगभग 80 वैगनों का पिसमील लोडिंग कार्य होता है। वर्तमान में यहां प्लेटफॉर्म, एप्रोच रोड एवं मर्चेंट रूम से संबंधित निर्माण कार्य प्रगति पर है।

परियोजना की प्रमुख विशेषताएँ:
CONCOR गुड्स शेड के संपूर्ण प्रबंधन, सफाई, रखरखाव और पर्यावरणीय नियमों के पालन की जिम्मेदारी निभाएगा।
ग्राहकों को हैंडलिंग और डोर-टू-डोर लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदान की जाएगी, जिसके शुल्क CONCOR द्वारा तय किए जाएंगे।
गोदाम, कंटेनर स्टोरेज आदि बुनियादी ढांचे का निर्माण CONCOR अपने खर्च पर करेगा, जबकि रेलवे भूमि पर बने सभी ढांचे रेलवे की संपत्ति रहेंगे।
घाट क्षेत्र में 20–26 कंटेनर (20 फीट) के अस्थायी गोदाम बनाए जाएंगे तथा मजदूरों और व्यापारियों के लिए शौचालय की सुविधा भी होगी।
प्लेटफॉर्म पर माल अवशिष्ट न रहे, इसके लिए सभी कार्गो कंटेनरों में स्थानांतरित किए जाएंगे।
गुड्स शेड एक कॉमन यूजर फैसिलिटी के रूप में कार्य करता रहेगा, जहां ग्राहक स्वयं या किसी तृतीय पक्ष के माध्यम से भी सेवाएँ ले सकेंगे।
रेलवे द्वारा संकलित टर्मिनल शुल्क का मासिक/त्रैमासिक हस्तांतरण CONCOR को किया जाएगा। CONCOR द्वारा संभाले गए रेक्स पर कोई व्हार्फेज शुल्क नहीं लगेगा, जबकि अन्य रेक्स पर सामान्य शुल्क लागू रहेगा।
इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक श्री सुनील कुमार वर्मा, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (फ्रेट) श्री गौरव दीक्षित सहित कई अधिकारी एवं व्यापारी उपस्थित रहे। रेलवे की यह पहल परिसंपत्तियों के बेहतर उपयोग, माल ढुलाई की दक्षता बढ़ाने और ग्राहकों को एकीकृत लॉजिस्टिक्स समाधान प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। “डोर-टू-डोर लॉजिस्टिक्स सेवा” भारतीय रेल की ‘लास्ट माइल कनेक्टिविटी’ को मजबूत करेगी तथा उद्योग जगत को तेज, सुरक्षित और समयबद्ध परिवहन सुविधा उपलब्ध कराएगी।
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