Sunday Worship: हिंदू धर्म में हर दिन का कोई विशेष महत्व होता है. प्रत्येक दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित होता है. रविवार का दिन भगवान सूर्य देव की उपासना के लिए समर्पित है. इस दिन इनकी उपासना की जाती है.
रविवार को श्रद्धालु भगवान भास्कर की पूजा करते हैं, जिन्हें ग्रहों का राजा कहा गया है. सूर्य देव व्यक्ति के जीवन, ऊर्जा और भाग्य पर गहरा प्रभाव डालते हैं. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है या सूर्य दोष पाया जाता है. उन्हें सूर्य से संबंधित उपाय अवश्य करने चाहिए. इन उपायों में रविवार का व्रत सबसे प्रमुख माना जाता है. आइए जानते हैं इस दिन के व्रत पूजन के बारे में-
रविवार व्रत विधि: रविवार का व्रत करते समय सबसे पहले सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें. स्वच्छ लाल या सफेद वस्त्र धारण करें. इसके बाद तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, रोली, अक्षत और थोड़ा-सा गुड़ मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें. अर्घ्य देते समय ‘ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें. फिर पूजा स्थल पर लाल या पीले कपड़े बिछाकर सूर्य देव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें.
लाल चंदन, लाल फूल, धूप, दीप, दूध और जल अर्पित कर विधिपूर्वक पूजा करें. पूजा के बाद ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र की पांच माला जपें. रविवार व्रत कथा पढ़ें या सुनें. पूजा समाप्त होने पर वहीं खड़े होकर सूर्य देव की परिक्रमा करें. इस दिन केवल एक बार बिना नमक का सात्विक भोजन करें. मांस, मदिरा तथा तामसिक भोजन से पूरी तरह परहेज रखें. सूर्यास्त के बाद दीप जलाकर सूर्य देव को प्रणाम करें और व्रत का समापन करें.
कुछ बातों का रखें ध्यान, मिलेगा फल
रविवार के दिन काले या गहरे रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए. इस दिन बाल या दाढ़ी कटवाना अशुभ माना जाता है. तांबे की वस्तुओं की खरीद या बिक्री भी नहीं करनी चाहिए. पूरे दिन क्रोध नहीं करें और मन को शांत बनाएं रखें. रविवार का व्रत कम से कम एक वर्ष या लगातार 12 रविवार तक करने से विशेष पुण्य और शुभ फल प्राप्त होते हैं.
इन मंत्रों का करें जाप
ॐ घृणि सूर्याय नमः
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
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