इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पट्टी में बड़े हमले करने का आदेश जारी किया। यह आदेश ऐसे समय में आया है जब अमेरिका की मध्यस्थता में चल रही संघर्षविराम प्रक्रिया एक बार फिर संकट में है। नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने सेना को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं ताकि हमास को कड़ा जवाब दिया जा सके।
यह निर्णय उस वक्त लिया गया जब इस्राइल ने दावा किया कि दक्षिणी गाजा में हमास के आतंकियों ने इस्राइली बलों पर फायरिंग की। इस हमले के बाद इस्राइली सेना ने जवाबी कार्रवाई की तैयारी तेज कर दी। नेतन्याहू ने इसे राष्ट्र की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम बताया और कहा कि इस्राइल किसी भी उकसावे को बर्दाश्त नहीं करेगा।
संघर्षविराम की कोशिशों पर असर
इस्राइल का यह कदम उस समय आया है जब अमेरिका संघर्षविराम समझौते को फिर से बहाल करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन नेतन्याहू का नया आदेश उस पहल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि इससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है।
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हमास ने लौटाए बंधक के अवशेष
तनाव और तब बढ़ गया जब हमास ने उस बंधक के अवशेष लौटाए जिन्हें इस्राइल ने पहले युद्ध में मारे गए एक नागरिक का शरीर बताया था। इस्राइल ने इस कदम को ‘मनोवैज्ञानिक युद्ध’ करार दिया है।
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बाकी के बंधको के शव सौंपने में हमास करेगा देरी
हमास ने कहा है कि वह इस्राइल के गाजा पर नए हमले की योजना की घोषणा के बाद बंधक का शव सौंपने में देरी करेगा। यह बयान ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सेना को “शक्तिशाली जवाबी हमले” के आदेश दिए हैं। हमास ने दावा किया कि इस्राइल की कार्रवाई ने अस्थायी युद्धविराम की संभावनाओं को कमजोर कर दिया है। दोनों पक्षों में बढ़ते तनाव के बीच स्थिति एक बार फिर विस्फोटक होती दिख रही है।
गाजा में हालात फिर बिगड़ने की आशंका
इन घटनाओं के बाद गाजा में हालात और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है। मानवाधिकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर इस्राइल के हमले तेज हुए तो नागरिकों की स्थिति और भी खराब हो सकती है।












