हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि को अक्षय नवमी का पर्व मनाया जाता है. इस बार अक्षय नवमी का पर्व 10 नवंबर रविवार को मनाया जाएगा. मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति अक्षय नवमी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करता है तो उसे अनंत फल, सेहत और अक्षय धन की प्राप्ति होती है.

हिंदू धर्म में अक्षय नवमी का विशेष महत्व होता है. इसे आंवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास के नवमी तिथि से लेकर पूर्णिमा तक आंवले के वृक्ष में भगवान वी विष्णु का वास होता है. इसलिए इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है.

अक्षय नवमी के दिन आंवला के वृक्ष के नीचे बैठ कर वृक्ष पर दूध अर्पित करें और और अपना मुख पूर्व की ओर करके ॐ धात्र्ये नमः मंत्र का जप करें. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सभी कष्ट और परेशानी दूर होती है साथ ही परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है.

इस दिन आंवले के वृक्ष के चारों ओर गंगाजल का छिड़काव करें और घी का दीपक जलाएं. साथ ही वृक्ष की कपूर और घी के दीपक से आरती करें और 108 बार परिक्रमा करें. इसके बाद आंवला के वृक्ष के नीचे ब्राह्मण, गरीब व जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं. साथ ही खुद भी वृक्ष के नीचे भोजन करें. ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होती है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अक्षय नवमी के दिन 5 गेंदे के फूल को लाल कपड़े में रखें और उसे विष्णुजी को चढ़ाएं. पूजा के बाद पोटली को घर की पूर्व दिशा में रख दें. इससे पैसों की तंगी दूर होगी. इसके अलावा, इस दिन विष्णुजी को एक शंख भी चढ़ाएं. शंख चढ़ाने से श्री हरि नारायण शीघ्र प्रसन्न हो कर अपनी कृपा से दांपत्य जीवन से नकारात्मकता को दूर कर देते हैं.

अक्षय नवमी के दिन उपवास रखकर आंवला के वपेड़ की पूजा करके भगवान विष्णु को आंवले का भोग लगाएं, और उस आंवले का सेवन कर लें. ऐसा करने से आपके सभी पाप नष्ट हो जायेंगे और आरोग्य प्राप्ति होगी. साथ ही इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़ों का दान करें इससे घर में धन धान्य की कमी नहीं होगी.
Published at : 28 Oct 2025 02:52 PM (IST)
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