सुनीता वर्मा व अरुण गोविल
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मेरठ में सपा प्रत्याशी सुनीता वर्मा को मुस्लिम-दलित समीकरण के सहारे जीत की आस है। उनको टिकट मिलने की एक बड़ी वजह यह समीकरण भी है। दरअसल, इस सीट पर नौ लाख से भी ज्यादा दलित-मुस्लिम बताए जाते हैं, जो करीब 50 प्रतिशत हैं। महापौर चुनाव में भी सुनीता वर्मा इसी समीकरण से जीत हासिल कर पाई थीं।
सपा-कांग्रेस गठबंधन की मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से प्रत्याशी सुनीता वर्मा का राजनीतिक सफर डेढ़ दशक पहले जिला पंचायत सदस्य के तौर पर शुरू हुआ था। 2017 में भाजपा की कांता कर्दम को 29 हजार 582 वोटों से हराकर बसपा के टिकट पर लड़ीं सुनीता वर्मा महापौर बनी थीं। सुनीता वर्मा को दो लाख 34 हजार 817 वोट मिले थे, जबकि कांता कर्दम को दो लाख 5235 वोट मिले। बाद में योगेश वर्मा और सुनीता वर्मा ने सपा का दामन थाम लिया था। यूपी में विपक्षी सरकार में तमाम परेशानियों के बावजूद उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया।