(सांकेतिक तस्वीर)
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साइबर अपराधी कभी रिश्तेदार तो कभी कस्टम अधिकारी बनकर लोगों को ठग रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल भी करने लगे हैं। ऐसे में साइबर थाने को नई तकनीक एआई से लैस किया जा रहा है। साइबर विशेषज्ञ पुलिस अफसरों की संख्या में भी बढ़ाई जा रही है।
कमिश्नरेट में नए साइबर थाने की स्थापना की जा चुकी है। हर थाने में साइबर सेल भी है। इसके बाद भी साइबर अपराधों के पीड़ितों की संख्या में कमी नहीं आई है। जिले में प्रतिदिन औसतन 3-4 शिकायतें आ रही हैं।
साइबर थाने में शिकायतों को निपटाने के लिए विशेषज्ञ पुलिस अफसर के नाम पर एक इंस्पेक्टर हैं। बाकी कुछ पुलिसकर्मी थानों से मदद करते हैं। ऐसे में पीड़ितों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। डूबी रकम तो कम मामलों में ही वापस मिल पाती है। साइबर अपराध बढ़ने और अपराधियों की नई तकनीक देख अब साइबर थाने में 25 निरीक्षक और 25 से अधिक उपनिरीक्षक तैनात किए जाएंगे। उन पुलिस अफसरों को वरीयता मिलेगी जो साइबर अपराधों के विशेषज्ञ हों।