वंशिका मल्होत्रा अपने पिता के साथ
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आगरा की मेधा संसाधनों की मोहताज नहीं। सीबीएसई के 10वीं-12वीं की परीक्षा में ऐसे कई मेधावियों ने आसमां छुआ, जिनके घर आर्थिक तंगी डेरा डाले है। मां-पिता के संघर्ष ने उन्हें पढ़ाई के प्रति गंभीर किया, जिससे बेहतर अंक हासिल हुए।
सेंट एंड्रूज पब्लिक स्कूल की छात्रा वंशिका मल्होत्रा शहीद नगर में रहती हैं। इन्हें किराए पर ऑटो चलाकर पिता ने पढ़ाया। बेटी उनकी उम्मीदों पर खरी उतरी और 95.3 फीसदी अंक हासिल किए। वंशिका ने बताया कि पिता 10-12 घंटे ऑटो चलाते हैं। उनकी मेहनत देख वह पढ़ाई के प्रति गंभीर हुई। बिजली का बिल बचाने के लिए मैं मां (नीलम मल्होत्रा) के किचन में भोजन पकाते वक्त वहीं पढ़ाई करती थी। रिवीजन और प्रैक्टिस पर जोर रहा। अब यूपीएससी की तैयारी करनी है।
मुख्य विषय को दिए एक-एक घंटा अतिरिक्त