डेंगू
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डेंगू के वायरस के डबल अटैक से बीमारी जानलेवा बन रही है। इससे मरीजों की जान का खतरा बढ़ जाता है। खासतौर से बच्चों में अधिक खतरा है। चिकित्सक मच्छरों से बचाव पर अधिक जोर दे रहे हैं। इसी के चलते इस बार कनेक्ट विद कम्युनिटी, कंट्रोल डेंगू थीम दी है।
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि वायरस के डी-1, डी- 2, डी-3, डी-4 स्ट्रेन हैं। इनमें से कोई एक स्ट्रेन से मरीज संक्रमित हो जाने पर हालत गंभीर नहीं बनती। दूसरे स्ट्रेन के होने से मरीज की हालत गंभीर होने लगती है।
शरीर में दूसरे स्ट्रेन से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हो पाती। 2021 में यही वजह भी रही। इसमें अधिकांश बच्चों की हालत नाजुक हुई थी। वेक्टर बोर्न रोगों के नोडल प्रभारी डॉ. सुरेंद्र मोहन प्रजापति ने बताया कि बुखार 5-6 दिन अधिक होने पर खतरा बढ़ता जाता है। प्लेटलेट्स कम होने लगती हैं।
अगर मरीज के रक्तस्राव नहीं हो रहा है तो इसमें 20 हजार संख्या होने पर भी प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ती। रक्तस्राव हो रहा है तो 80 हजार होने पर भी प्लेटलेट्स चढ़ाई जाती है। जिला मलेरिया अधिकारी राजेश गुप्ता ने बताया कि मादा एडीज मच्छर के काटने से ये बीमारी पनपती है। ये साफ पानी में पनपता है।