UN की शीर्ष अदालत के न्यायाधीश।
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संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों ने शुक्रवार को इस्राइल को दक्षिणी गाजा शहर राफा पर सैन्य हमले रोकने का आदेश दिया। इस्राइल के खिलाफ इस फैसले से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार पर अब और अधिक राजनयिक दबाव बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के फैसले को पढ़ते हुए अध्यक्ष नवाफ सलाम ने कहा कि मार्च में अदालत की ओर से दिए गए अनंतिम आदेश फलस्तीनी क्षेत्र की स्थिति को पूरी तरह से संबोधित नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, इस्राइल को राफा में अपने सैन्य आक्रमण तुरंत रोकना चाहिए। दक्षिण अफ्रीका के वकीलों ने पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से याचिका दायर कर आपातकालीन उपाय लागू करने का अनुरोध किया था। एक सप्ताह बाद अदालत ने इस्राइल को राफा में अपने आक्रमण को रोकने का आदेश देने के दक्षिण अफ्रीकी अनुरोध का समर्थन किया। आदेश के बाद अदालत के बाहर फलस्तीनी समर्थकों के एक छोटे समूह ने बूम बॉक्स पर रैप गाना बजाया और झंडे लहराकर मुक्त फलस्तीन का आह्वान किया।
नागरिकों की रक्षा करने से कोई ताकत रोक नहीं पाएगी : इस्राइल
इस्राइली सरकार के प्रवक्ता ने फैसले के बाद कहा कि पृथ्वी पर कोई भी ताकत इस्राइल को अपने नागरिकों की रक्षा करने और गाजा में हमास के पीछे जाने से नहीं रोक पाएगी। बता दें कि इस्राइल ने मामले में नरसंहार के आरोपों को बार-बार निराधार बताया है। विश्व अदालत में उसने तर्क दिया है कि गाजा में उसका सैन्य अभियान आत्मरक्षा और हमास आतंकवादियों के लिए है, जिन्होंने 7 अक्तूबर को इस्राइल पर हमला किया था। इस्राइल ने इस महीने दक्षिणी शहर राफा पर अपना हमला शुरू किया था। इससे हजारों फलस्तीनियों को उस शहर से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।
नेतन्याहू और गैलेंट को गिरफ्तार करने की मांग
अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के मुख्य अभियोजक करीम खान ने गत सोमवार को घोषणा की कि उन्होंने नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योव गैलेंट के साथ-साथ हमास के नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के लिए एक आवेदन दायर किया है। करीम खान ने नेतन्याहू और गैलेंट पर विनाश, भूख को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने और जानबूझकर नागरिकों पर हमला करने सहित अपराधों का आरोप लगाया। वहीं इस्राइल ने आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया और सहयोगियों से अदालत को अस्वीकार करने का आह्वान किया।