मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केके पाठक।
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पटना में एक स्कूली छात्र की मौत के दो दिन बाद बुधवार को आठ जिलों में करीब सौ बच्चों के बीमार होने के बाद बिहार सरकार सवालों से तंग आ गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के मुख्य सचिव को बिहार में स्कूल बंद करने का निर्देश दिया। इधर, शिक्षा विभाग ने आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूलों का समय सुबह 10 बजे तक करते हुए मिशन दक्ष और विशेष कक्षाओं के नाम पर शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मियों को कोई राहत नहीं देने का आदेश दिया। लेकिन, कुछ ही देर बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य के मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया कि सभी तरह के स्कूल, कोचिंग और शिक्षण संस्थान आठ जून तक पूर्ण रूप से बंद रखे जाएं। इसके साथ ही शिक्षा विभाग को पीत पत्र के बदले में जारी होने वाला आदेश मुख्य सचिव की ओर से जारी किया गया। इसमें भी मुख्यमंत्री के आदेश की जानकारी दी गई, ताकि शिक्षा विभाग अपने अपर मुख्य सचिव के आदेश के हवाले से कुछ और आदेश न जारी कर दे।
सीएम का आदेश ही चलेगा, शिक्षा विभाग का निर्देश बेअसर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भीषण गर्मी और भयंकर लू की आपदाजनक स्थिति मानते हुए मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया है। उन्हाेंने अपने निर्देश में स्पष्ट तौर पर कहा कि गर्मी के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े, इसके लिए स्कूलों को बंद करने की समुचित कार्यवाही करें। चूंकि मुख्यमंत्री का आदेश आ गया है तो अब शिक्षा विभाग को अपना आदेश बदलना पड़ता। इसमें अपर मुख्य सचिव केके पाठक कुछ अड़ंगा करते, इससे पहले राज्य के मुख्य सचिव ने पीत पत्र की जगह जारी होने वाला आदेश शिक्षा विभाग को भेज दिया। इसके साथ ही जिलाधिकारियों कोस्पष्ट आदेश दे दिया कि उनके जिले में आठ जून तक सरकारी विद्यालय, प्राइवेट स्कूल, कोचिंग या ऐसे शिक्षण संस्थान पूर्णत: बंद रहें। शिक्षा विभाग ने ‘अमर उजाला’ के सवालों से आजिज आकर कुछ देर पहले ही आदेश दिया था कि आठवीं तक के बच्चों को 10 बजे तक स्कूल आना होगा; ऊपरी कक्षाओं, मिशन दक्ष, विशेष कक्षाओं के लिए यह छूट नहीं है। अब सीएम के आदेश के बाद शिक्षा विभाग उससे हटकर कोई आदेश जारी नहीं कर सकेगा।