पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया धर्मेंद्र कुमार चौबे।
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वाराणसी के पहड़िया स्थित रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट के फ्लैट से 41 लाख रुपये की लूट के मामले में नामजद व निलंबित तत्कालीन सारनाथ इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता का दोस्त और छीतमपुर गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार चौबे उर्फ पिंटू को गिरफ्तार कर लिया गया। खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी बताने वाला धर्मेंद्र मुंबई में छिपा था।
पुलिस उसे मुंबई से पूछताछ के लिए सारनाथ थाने लाई और गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया, जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। धर्मेंद्र के पास सीएम के ओएसडी और सोशल मीिडया प्रभारी का फर्जी आईकार्ड मिला है।
वहीं, इस मामले में नामजद परम हंस गुप्ता का सुराग 10 दिन बाद भी नहीं लग सका। सारनाथ थाना क्षेत्र के पहड़िया स्थित रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट में गत सात नवंबर की आधी रात बाद एक इंस्पेक्टर अपने एक दोस्त के साथ घुसा था। आरोप है कि अपार्टमेंट के एक फ्लैट में जुआ खेल रहे व्यापारियों को इंस्पेक्टर के दोस्त ने खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी बताया था। इसके बाद इंस्पेक्टर और उसका दोस्त व्यापारियों को तगड़ी कानूनी कार्रवाई का भय दिखाकर मौके पर मिले 41 लाख रुपये समेट लिए थे। दोनों रुपये दो बैग में लेकर निकले तो अपार्टमेंट के सीसी फुटेज में कैद हो गए।
पुलिस आयुक्त ने तत्कालीन इंस्पेक्टर सारनाथ परम हंस गुप्ता की भूमिका को संदिग्ध पाते हुए उसे 10 नवंबर को निलंबित कर दिया था। थानाध्यक्ष विवेक कुमार त्रिपाठी की तहरीर पर 14 नवंबर को निलंबित इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता और धर्मेंद्र सहित अन्य के खिलाफ सारनाथ थाने में लूट सहित अन्य आरोपों और जुआ अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद मुकदमे की विवेचना कैंट थानाध्यक्ष राजकुमार शर्मा को सौंप दी