भारतीय अर्थव्यवस्था।
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मॉर्गन स्टैनली ने संकेत दिया है कि भारत में वृद्धि दर उपभोक्ता और कारोबारी खर्च दोनों के आधार पर अधिक व्यापक रह सकती है। वैश्विक निवेश बैंक ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट ‘2024 ग्लोबल इकोनॉमिक मिडइयर आउटलुक’ में भारत की मजबूत वृद्धि का श्रेय तीन मेगाट्रेंड्स- ग्लोबल ऑफशोरिंग, डिजिटलाइजेशन और एनर्जी ट्रांजिशन को दिया।
मॉर्गन स्टैनली ने भारत के लिए 2024 में 6.8 प्रतिशत (आरबीआई के 7 प्रतिशत के मुकाबले) और अगले वित्तीय वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है। एजेंसी के अनुसार मुद्रास्फीति नीति निर्माताओं के कंफर्ट जोन के भीतर बनी रहेगी। अप्रैल 2024 में खुदरा मुद्रास्फीति 4.83 प्रतिशत दर्ज की गई, जो पिछले 11 महीनों में सबसे कम है।
हालांकि, भारत में खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई के 2-6 प्रतिशत के सामान्य स्तर पर है, लेकिन आदर्श स्थिति 4 प्रतिशत के परिदृश्य से ऊपर है। मुद्रास्फीति उन्नत अर्थव्यवस्थाओं सहित कई देशों के लिए चिंता का विषय रही है, लेकिन भारत काफी हद तक अपने मुद्रास्फीति प्रक्षेपवक्र को काफी अच्छी तरह से प्रबंधित करने में कामयाब रहा है। मॉर्गन स्टेनली ने भविष्यवाणी करते हुए कहा, “मजबूत वैश्विक विकास से भारत को लाभ हो रहा है। निर्यात से उच्च आय होगी और घरेलू पूंजीगत खर्च को इससे समर्थन मिलेगा।”