मोदी 3.0
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मोदी@3.0 की शुरुआत से पहले ही शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान से किनारा करने के साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र से जुड़े देशों को आमंत्रित कर नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी प्रथम के साथ नई सागर नीति पर आगे बढ़ने का संदेश दिया है। समारोह में जिन सात देशों को बतौर विशेष अतिथि आमंत्रित किया गया है, उनमें पांच हिंद महासागर क्षेत्र से जुड़े हैं। इनमे अलावा दो राष्ट्र नेपाल व भूटान हैं, जिनको साधने के लिए चीन सालों से प्रयासरत है। पिछले शपथ ग्रहण की तरह इस बार भी पाकिस्तान व चीन को न्योता नहीं दिया गया है।
इन देशों के नेता होंगे शामिल
शपथ ग्रहण समारोह में श्रीलंका व मालदीव के राष्ट्रपति, मॉरीशस, बांग्लादेश, नेपाल व भूटान के प्रधानमंत्री और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति शिरकत करेंगे। शपथ लेने के बाद मोदी की कोशिश इन सभी देशों के शासनाध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता के जरिये दुनिया को नया कूटनीतिक संदेश देने की है। सभी शासनाध्यक्ष राष्ट्रपति मुर्मू की ओर से दिए गए भोज में भी शामिल होंगे।
आतंकवाद पर रोक के बिना तवज्जो नहीं
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी पाकिस्तान को प्राथमिकता नहीं मिलेगी। भारत लगातार कहता रहा है कि वह आतंकवाद पर रोक के बिना पाकिस्तान से किसी भी तरह की बातचीत नहीं करेगा। तीसरे कार्यकाल का संदेश यह है कि चीन को घेरने के लिए भारत हिंद महासागर क्षेत्र से जुड़े देशों को साध कर चीन की दादागिरी का जवाब देगा।