केंद्र की मोदी 3.0 सरकार में ‘स्पाईमास्टर’ यानी अजीत डोभाल को तीसरी बार ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार’ नियुक्त किया गया है। गुरुवार को कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ‘मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति’ ने दस जून से अजीत डोभाल, आईपीएस (सेवानिवृत्त) को बतौर ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार’ नियुक्त करने को मंजूरी दी है। इसके साथ ही पूर्व आईएएस अधिकारी पीके मिश्रा भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नियुक्त किए गए हैं। पूर्व आईएएस अमित खरे और तरुण कपूर भी 10 जून से दो साल के लिए प्रधानमंत्री मोदी के सलाहकार नियुक्त किए गए हैं। इन सबके बीच अब केंद्र की ब्यूरोक्रेसी में दो नौकरशाहों को लेकर यह चर्चा हो रही है कि उन्हें बतौर सेवा विस्तार, अगली पारी का मौका मिलेगा या नहीं।
ये दोनों नौकरशाह भी मोदी सरकार के विश्वस्त माने जाते हैं। इनमें से एक मौजूदा कैबिनेट सचिव ‘राजीव गौबा’ और दूसरे, केंद्रीय गृह सचिव ‘अजय कुमार भल्ला’ हैं। इन दोनों ही नौकरशाहों का सेवा विस्तार, अगस्त 2024 में खत्म हो रहा है। राजीव गौबा और अजय कुमार भल्ला को लगातार सेवा विस्तार मिल रहा है। दोनों टॉप ब्यूरोक्रेट्स, अगस्त 2024 में रिटायर होने वाले हैं। मोदी सरकार के इन दोनों नौकरशाहों को कई मामलों में सरकार का संकटमोचक भी कहा जाता है।
जम्मू कश्मीर में ‘अनुच्छेद 370’ खत्म करना, ऐसे कई महत्वपूर्ण सरकारी फैसलों के पीछे इन दोनों नौकरशाहों की अहम भूमिका रही है। ‘अनुच्छेद 370’ की समाप्ति के बाद जम्मू कश्मीर में जो परिस्थितियां सामने आईं, उनसे निपटने में भी इन नौकरशाहों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन ‘संकटमोचक’ नौकरशाहों को सरकार की तरफ से सेवा विस्तार के तौर पर, बड़ा इनाम भी मिला है। केंद्र सरकार में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, ऐसे नौकरशाह बन गए हैं, जिन्हें अभी तक सबसे ज्यादा समय के लिए सेवा विस्तार मिला है।
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, झारखंड कैडर के 1982 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें 2019 में दो साल के लिए कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया था। इससे पहले वे केंद्रीय गृह सचिव थे। 2021 में राजीव गौबा को पहला सेवा विस्तार मिला। अगस्त 2022 में उन्हें दोबारा से एक साल का सेवा विस्तार प्रदान किया गया। गत वर्ष उन्हें तीसरा सेवा विस्तार दिया गया है। वे इस वर्ष तीस अगस्त तक कैबिनेट सचिव के पद पर काम करते रहेंगे। पिछले साल कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने एआईएस (डीसीआरबी) नियम, 1958 के तहत राजीव गौबा को एक वर्ष की अवधि का सेवा विस्तार प्रदान किया था। यह कार्यकाल पूरा करने के बाद वे देश में सबसे लंबे समय तक कैबिनेट सचिव के पद पर कार्य करने वाले नौकरशाह बन जाएंगे।
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम का मसौदा तैयार करने में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अहम भूमिका रही है। चूंकि वे कैबिनेट सचिव बनने से पहले गृह सचिव के पद पर कार्यरत थे। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का जो ड्राफ्ट तैयार किया गया, उसमें गौबा का खास रोल रहा है। केंद्रीय सचिवालय, पीएमओ और विभिन्न मंत्रालयों के बीच बेहतर समन्वय बनाने में राजीव गौबा को विशेष महारत हासिल है। केंद्र सरकार में ज्वाइन करने से पहले उन्होंने, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बोर्ड में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद वहां पर केंद्रीय मंत्रियों के दौरे का जो शेड्यूल तैयार किया गया, उसमें भी राजीव गौबा की खास भूमिका रही थी।
असम-मेघालय कैडर के 1984 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अजय कुमार भल्ला को अगस्त 2019 में केंद्रीय गृह सचिव के पद पर नियुक्त किया गया था। भल्ला को नवंबर 2020 में सेवानिवृत्त होना था, लेकिन उससे पहले ही केंद्र सरकार ने अक्तूबर 2020 में उन्हें एक साल का सेवा विस्तार देकर उनका कार्यकाल 22 अगस्त 2021 तक बढ़ा दिया था। उसके बाद उन्हें दूसरा और तीसरा सेवा विस्तार दिया गया। भल्ला को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का विश्वस्त माना जाता है। पिछले साल उन्हें 22 अगस्त 2024 तक चौथा सेवा विस्तार प्रदान कर दिया गया। अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद जम्मू कश्मीर की परिस्थितियों को संभालने में अजय भल्ला का विशेष योगदान रहा है। जम्मू कश्मीर, नक्सल प्रभावित क्षेत्र और उत्तर पूर्व को लेकर जो कई अहम फैसले लिए गए, उनका ड्रॉफ्ट भल्ला ने ही तैयार किया था।