सांकेतिक तस्वीर।
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यूपी के पांच एक्सप्रेसवे के किनारे 29 जिलों में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। यूपीडा को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। एक्सप्रेसवे के किनारे बनने वाले कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण पर 7300 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस रकम से 5568 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण तेजी से किया जा रहा है। करीब 1700 हेक्टेयर जमीन ले ली गई है। इसकी रफ्तार से साफ है कि प्रदेश के लिए औद्योगिक विकास का ‘एक्सप्रेसवे’ जल्द मूर्त रूप लेगा।
उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। ये कॉरिडोर इन पांच एक्सप्रेसवे से लगे 29 जिलों में विकसित होने हैं। सबसे ज्यादा 11 औद्योगिक शहर कॉरिडोर गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे बसेंगे।
दूसरे नंबर पर 6 औद्योगिक शहर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेस के किनारे विकसित होंगे। तीसरे नंबर पर चार शहरों के साथ आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे है। गोरखपुर में दो औद्योगिक शहरों को विकसित किया जाएगा। 23 जिलों के 84 गांवों को पहले ही अधिसूचित कर किया जा चुका है। इन औद्योगिक शहरों में फार्मा पार्क, टेक्सटाइल पार्क, वेयर हाउस, लॉजिस्टिक, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, होजरी, फूड प्रोसेसिंग, दुग्ध प्रसंस्करण, दवा, आईटी पार्क, भारी उद्योगों और मशीनरी को बसाया जाएगा।
गंगा एक्सप्रेसवे पर औद्योगिक विकास सबसे तेज
गंगा एक्सप्रेसवे से सटे मेरठ, हापुड़, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज के नजदीक कॉरिडोर बसाए जाएंगे। इन शहरों की 1371.90 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें 1290 हेक्टेयर निजी क्षेत्र से और 81.90 हेक्टेयर सरकारी जमीन ली जाएगी। कुल बजट 2345 करोड़ रुपये का है। अभी तक यूपीडा ने 672 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण भी कर लिया है।
बुंदेलखंड के छह शहरों का होगा औद्योगिक विकास
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर छह औद्योगिक शहर बसाए जाएंगे। ये औद्योगिक शहर चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन और औरैया में विकसित किए जाएंगे। इन छह जिलों की 1911 हेक्टेयर जमीन पर कॉरिडोर बनेंगे। इसमें 1843.75 हेक्टेयर जमीन निजी सेक्टर से और 67.25 हेक्टेयर सरकारी क्षेत्र की ली जा रही है। जमीन की खरीद पर 1926 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अभी तक 534 हेक्टेयर जमीन खरीदी जा चुकी है।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के भी छह शहरों को लाभ
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर छह औद्योगिक शहर बस रहे हैं। इन्हें लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, गाजीपुर और अम्बेडकरनगर में विकसित किया जाना है। इन छह जिलों की 1470 हेक्टेयर जमीन को लिया जा रहा है। कुल बजट 2307 करोड़ से ज्यादा है। अभी तक 358 हेक्टेयर जमीन ली जा चुकी है।
दो अन्य एक्सप्रेसवे भी विकास की राह पर
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर पांच औद्योगिक शहर बनेंगे जिन्हें आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, कन्नौज और कानपुर नगर में बसाया जाएगा। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर दो औद्योगिक शहर अम्बेडकरनगर और गोरखपुर में विकसित किए जाएंगे। आगरा-लखनऊ के लिए 609 हेक्टेयर जमीन 239 करोड़ में खरीदी जाएगी। वहीं गोरखपुर लिंक के दो शहरों की 207 हेक्टेयर जमीन के लिए 480 करोड़ का बजट है। दोनों ही जगह क्रमश: 36 हेक्टेयर और 33 हेक्टेयर जमीन ले ली गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एक्सप्रेसवे के साथ-साथ औद्योगिक विकास की रफ्तार तेज करने की दिशा में काम तेजी से किए जा रहे हैं। इसी क्रम में एक्सप्रेसवे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शीर्ष प्राथमिकता पर किया जा रहा है। ये कॉरिडोर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दस खरब डालर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
– श्रीहरि प्रताप शाही, एसीईओ, यूपीडा