इमरजेंसी में टॉर्च की रोशनी में देखे जा रहे मरीज
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हमीरपुर में जिला अस्पताल के फीडर के इंसुलेटर फुंक जाने से जिला अस्पताल की बिजली मंगलवार की सुबह 9 बजे गुल हो गई। छह घंटे बाद करीब तीन बजे बिजली ठीक हो सकी। इस दौरान कुछ समय के लिए जनरेटर चला लेकिन एसी समेत अन्य उपकरणों का लोड अधिक होने से जवाब दे गया। इससे टॉर्च और मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज किया गया।
सुबह से ही बिजली गुल होने से उमस भरी गर्मी में मरीज परेशान हो उठे। गर्मी में सबसे ज्यादा परेशानी जले (बर्न) हुए मरीजों को हुई। बच्चों के वार्ड में बच्चे रोते दिखे। वहीं तीमारदार हाथ से बने पंखे डुलाते नजर आए। अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही से करीब एक हजार से अधिक लोग परेशान हुए।
गर्मी से बेहाल बैठे रहे मरीज-तीमारदार
जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती मरीजों का बुरा हाल रहा। यहां स्वास्थ्य कर्मी टार्च लगाकर मरीजों देखते हुए नजर आए। हर कोई बिजली कब आएगी, पूछता हुआ नजर आया। उधर, ओपीडी में करीब 623 पर्चे बने, वहीं उनके साथ तीमारदार मौजूद रहेे। यहां पर डॉ. महेंद्र ने मरीजों को भीड़ को देखते हुए उन्होंने टॉर्च की रोशनी में मरीजों का उपचार किया।
वहीं, मरीज व तीमारदार गर्मी से बेहाल बैठे रहे। जिला अस्पताल के भर्ती वार्ड में करीब सौ मरीज भर्ती हैं। जहां मरीज बेहाल दिखे। इस दौरान देखने को मिला कि इन्वर्टर से स्टाफ का पंखा चलता मिला। वहीं मरीज पसीना पोछते नजर आए। उधर, जिला अस्पताल में स्ट्रेचर ले जाने के लिए वार्ड बॉय की कोई व्यवस्था नहीं है।