एआई तकनीक।
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भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने की रफ्तार काफी तेज है। देश एआई और जनरेटिव एआई (जेनएआई) के जरिये होने वाले परिवर्तनों का गवाह बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। एआई को अपनाने की रफ्तार को देखते हुए अनुमान है कि देश में 2027 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर 6 अरब डॉलर का निवेश होने की उम्मीद है। इंटरनेशनल डाटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में एआई पर होने वाला निवेश 2022 से 2027 के बीच हर साल 33.7 फीसदी की चक्रवृद्धि दर से बढ़ेगा। वहीं, दुनियाभर में एआई पर निवेश 2027 तक बढ़कर 512 अरब डॉलर के पार पहुंच जाएगा। एआई बाजार का यह आकार 2024 की तुलना में दोगुना ने अधिक होगा।
भारत के लिए एआई के निहितार्थ व्यापक हैं। देश डाटा को सबसे मूल्यवान संपत्ति के रूप में संस्कृति और व्यापार मॉडल परिवर्तन के केंद्र रखता है। यहां 2025 तक 40 फीसदी सेवाओं की डिलीवरी जेनएआई के जरिये होगी।
भारत जेनएआई में सोया हुआ विशालकाय देश
आईडीसी एशिया-प्रशांत के उपाध्यक्ष (डाटा एनालिटिक्स-एआई) डॉ. क्रिस्टोफर मार्शल ने कहा, भारत जनरेटिव एआई में सोया हुआ विशालकाय देश है। इसका पैमाना, कौशल और स्टार्टअप न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर में एआई को बदलने के लिए तैयार हैं। वहीं, ‘आईडीसी एशिया-प्रशांत के उपाध्यक्ष (डिजिटल बिजनेस) लिनस लई ने कहा, 76 फीसदी भारतीय उद्यमों के पास पहले से ही एआई में निवेश की योजना हैं।