राजीव राना को पकड़कर लेकर जातीं सीओ अनीता चौहान
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बरेली के पीलीभीत बाइपास पर प्लॉट को लेकर हुई फायरिंग-तोड़फोड़ के मामले में मुख्य आरोपी प्रॉपर्टी डीलर राजीव राना के मकान और होटल पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हुई। इसके साथ ही उसका रसूख ध्वस्त हो गया। मामूली परिवार से जुड़े राजीव राना ने सत्ता में बैठे करीबियों के दम और पुलिस-प्रशासन में रसूख के चलते फर्श से अर्श तक का सफर तय किया। राना ने प्रॉपर्टी के धंधे में बड़ा नाम कमाया और एक साम्राज्य खड़ा किया जो सत्ता में उसकी पकड़ कमजोर होते ही ताश के पत्तों की तरह बिखर गया।
प्रॉपर्टी के धंधे से जुड़े लोग बताते हैं कि राना के पिता श्यामगंज मंडी में पल्लेदारी करते थे। राजीव राना शुरू से ही बड़े सपने देखने का आदी रहा। पढ़ाई और फिर छोटे-मोटे काम करने के बाद उसने हमउम्र युवाओं के साथ प्रॉपर्टी का धंधा शुरू किया। इन्हीं में से कुछ दोस्त ठेकेदार और फिर राजनीति में चमक गए तो राना का कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ने लगा।
उसने संबंधित विभागों के अफसरों को भी अपने रसूख और रुपये के दम पर सेट किया और जमीन के धंधे में एकछत्र राज कायम कर लिया। अब कुछ समय से सत्ता में उसका पत्ता कमजोर चल रहा था। यही वजह रही जो इस मामले में वह कब्जा नहीं ले पा रहा था। 22 जून को उसने अपने गुर्गों के दम पर पीलीभीत बाइपास के किनारे प्लॉट पर कब्जा करने का प्रयास किया। गुर्गों ने सड़क पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। यह गैरकानूनी तरीका उसी पर उल्टा पड़ गया।