‘मिर्जापुर’ के तीसरे सीजन को आने में काफी समय लग गया. तीसरे सीजन को लाने में मेकर्स को 4 साल लग गए. वक्त जरूर ज्यादा लगा, लेकिन मजा आएगा. पहले और दूसरे सीजन की तरह इस बार भी पूरी सीरीज गोलियों की तड़तड़ाहट से भरपूर है, भौकाल भी है लेकिन कालीन भइया का नहीं गुड्डू भइया (अली फजल) का. अब आप सोच रहे होंगे कि कहानी में ऐसा क्या हो गया कि गुड्डू भइया कालीन भइया (पंकज त्रिपाठी) पर भारी पड़ गए?
दरअसल, तीसरा सीजन वहीं से शुरू होता है जहां दूसरा सीजन खत्म हुआ था. मुन्ना भइया (दिव्येंदु) इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं और कालीन भैया कोमा में चले गए हैं. इस वजह से गुड्डू भएया पावरफुल हो गए हैं. इस सीजन में कालीन भैया का स्क्रीन स्पेस थोड़ा कम है, इस वजह से भी गुड्डू भैया का रोल भी बड़ा है. अब रोल ज्यादा है तो भौकाल भी ज्यादा होगा. गुड्डू भैया के साथ गोलू (श्वेता त्रिपाठी) भी फॉर्म में नजर आ रही हैं. उनमें भी पहले से थोड़ा ज्यादा भौकाल देखने को मिल रहा है.
अब गुड्डू और गोलू का बदला तो पूरा हो चुका है, लेकिन अब लड़ाई ‘मिर्जापुर’ की गद्दी की है. बाहुबलियों की मीटिंग चल रही है. गुड्डू भइया भी मीटिंग का हिस्सा है. मीटिंग का मुद्दा है ‘मिर्जापुर’ की गद्दी पर कौन बैठेगा? गुड्डू भइया खुद ही तय कर चुके हैं कि मिर्जापुर पर राज अब वह करेंगे और उन्होंने कालीन भइया की कुर्सी पर भी कब्जा कर रखा है, लेकिन इस एक पैच है. अब वो पैच क्या है? इसके लिए आपको इसका पूरा सीजन देखना होगा.
वैसे, मजा आएगा… अगर आपने इस सीरीज का पहला और दूसरा पार्ट देखा हुआ है तो तीसरे पार्ट में आप बोर नहीं होंगे. रही बात कहानी की तो इस बार का सीजन आपको थोड़ा स्लो जरूर लगेगा. आपको ऐसा लगेगा कि कहानी जबरन खींचा जा रहा है, भौकाली में कोई कमी नहीं है. वहीं एक्टिंग की बात करें तो पंकज त्रिपाठी, अली फजल, विजय वर्मा, रसिका दुग्गल, ईशा तलवार, श्वेता त्रिपाठी, लिलिपुट और अन्य सारे कलाकारों ने इस बार भी शानदार काम किया है.
निर्देशन की बात की जाए तो गुरमीत सिंह ने बहुत ही अच्छे तरीके से तीसरे को संभाला है. इस बार भी कुल 10 एपिसोड हैं और इन सबको देखने में आपको लगभग 5 घंटे देने होंगे, लेकिन पहले एपिसोड के बाद आप इस सीरीज को बीच में छोड़ना पसंद नहीं करेंगे. मेरी ओर से इस सीजन को 3.5 स्टार.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
Tags: Ali Fazal, Film review, Pankaj Tripathi
FIRST PUBLISHED : July 5, 2024, 02:40 IST