सांकेतिक तस्वीर
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वैसुंधरा ग्राम पंचायत में कागजों में हेराफेरी कर पाता पेट्रो केमिकल्स लिमिटेड से जिस 37.56 एकड़ जमीन का मुआवजा लिया गया, उसकी इस समय कीमत 150 करोड़ आंकी जा रही है। 1987-88 में हुए इस फर्जीवाड़े में कुछ ऐसे लोगों को भी जमीन का पट्टा दिया गया, जो इस गांव के रहने वाले भी नहीं थे। इनमें चार लोग वैसुंधरा ग्राम पंचायत के न होकर 14 किमी दूर फफूंद थाना क्षेत्र के गांव मुड़ैना रामदत्त के निवासी हैं।
वैसुंधरा ग्राम पंचायत के एक पट्टे के मुकदमे की एडीएम न्यायिक कोर्ट में सुनवाई हो रही थी। अभिलेखों में गड़बड़ी मिलने पर सदर एसडीएम को ग्राम पंचायत में हुए अन्य पट्टों की जांच कराने के निर्देश दिए गए थे। जब जांच हुई तो दो माह में ही एक के बाद एक फर्जीवाड़े की परतें खुलती चलीं गईं। वर्ष 1987-88 में जहां जोत चकबंदी आकार पत्र 45 में फर्जी आख्या दर्ज पाई गईं। वहीं वर्ष 1993 में एसडीएम की आख्या पर जमीन को संक्रमणीय करने के आदेश किए गए। इसके साथ ही नौ लोगों की जमीन को पाता पेट्रो केमिकल्स में दर्ज करने का आदेश भी कागजों में दर्ज किया गया।
फूलन देवी, राजीव कुमार, सुशील कुमार, राम प्रकाश, मीरा देवी, थान सिंह, रामस्वरूप, ओमप्रकाश, बंगाली सिंह ने आवंटित हुई जमीन पाता पेट्रो केमिकल्स को अधिग्रहीत करा दी। उन्होंने इसका मुआवजा भी ले लिया। जांच रिपोर्ट के मुताबिक फर्जी पट्टा कराने वाले चार लोग वैसुंधरा के निवासी न होकर मुड़ैना रामदत्त गांव के रहने वाले हैं। इसमें राजीव कुमार को दो एकड़, सुशील कुमार को दो एकड़, मीरा देवी को दो एकड़, ओम प्रकाश को ढाई एकड़ जमीन का आवंटन किया गया था।
किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा
‘विभागीय प्रक्रिया के तहत पहले चरण में 25 लोगों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं, जिसके बाद कार्रवाई का दौर शुरू होगा। तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारी भी जांच के दायरे में हैं। किसी भी स्थिति में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’– महेंद्र पाल सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व