जेवरात (सांकेतिक)
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उत्तर प्रदेश के आगरा में युवक को पर्स पड़ा मिला। इसमें पांच लाख कीमत के जेवरात थे। यह पर्स घनश्याम हेमलानी को मिला। वह पापड़ बेचकर दो वक्त की रोटी जुटाते हैं। लेकिन लाखों के जेवरात देखकर भी उनकी ईमान नहीं डगमगाया। उन्होंने पहले पुलिस को बताया।
इसके बाद खुद भी पर्स मालिक की खोज में जुट गए। सोशल मीडिया का सहारा लिया। आखिर में उन्हें मालिक मिल गया। ईमानदारी की मिसाल पेश करने वाले घनश्याम को न सिर्फ पर्स मालिक ने 11 हजार रुपये इनाम दिया, बल्कि समाज ने भी सम्मानित किया।
केदार नगर निवासी घनश्याम हेमलानी दो जुलाई की रात मंदिर गए थे। केदार नगर तिराहे पर उन्हें एक पर्स मिला। इसमें 1600 रुपये, दो सोने की चूड़ियां, एक चेन, दो अंगूठी, दो कुंडल थे। एक पर्ची थी। जेवरात अधिक थे। घनश्याम ने बताया कि जेवरात और रुपये लेकर वह कुछ लोगों से पूछने गए, लेकिन किसी ने सही जवाब नहीं दिया।
उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा
बाद में केदार नगर पुलिस चौकी पर जानकारी दी। सोशल मीडिया पर भी मैसेज वायरल किया। बुधवार शाम को केदार नगर निवासी मौनी पर्स की तलाश में एक पान विक्रेता के पास पहुंचीं। विक्रेता ने उन्हें उनका मोबाइल नंबर देकर पर्स की जानकारी दी। घनश्याम से पर्स पाकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
बृहस्पतिवार को कोठी मीना बाजार स्थित रेस्तरां में सुनील करमचंदानी और दिलीप खंडेलवाल ने घनश्याम का सम्मान किया। सुनील करमचंदानी ने बताया कि पांच माह पहले पैर में फ्रैक्चर होने से घनश्याम सहारा लेकर चलते हैं। फिलहाल घनश्याम समाज की मदद से अपना जीवन गुजर कर रहे हैं। कार्यक्रम में घनश्याम की पत्नी राधा भी मौजूद रहीं।
गिरवी रखने जा रही थीं जेवरात
मौनी ने बताया कि वह पब्लिक स्कूल में शिक्षिका हैं। पिता की मौत हो चुकी है। मां उमा देवी ने अपने आशीर्वाद के रूप में एक बार लिखकर दिया था कि बेटी हमेशा खुश रहना, जिस पर्ची को वह हमेशा अपने पास रखती हैं। वृंदावन में खरीदे प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए वह जेवरात गिरवी रखने जा रही थीं। पर्स केदार नगर तिराहे पर गिर गया। वह परेशान थीं।