पूरब से पश्चिम तक भारी बारिश ने मचाई तबाही
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पूरे देश में दक्षिण पश्चिम मानसून झूम के बरस रहा है। पश्चिम में हिमाचल प्रदेश से लेकर पूरब बिहार और पूर्वोत्तर में असम तक भारी बारिश के चलते नदियां उफान पर है और बाढ़ की स्थिति गंभीर बनती जा रही है। असम के 35 में से 30 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और 24.50 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। हिमाचल प्रदेश में 150 और उत्तराखंड में 100 से अधिक सड़कें जगह-जगह मलबा आने से बंद हो गई हैं। बिहार में अलग-अलग स्थानों पर बज्रपात (बिजली गिरने) से 9 लोगों की मौत हुई है। मौसम विभाग ने अगले दो से तीन पूरे देश में अलग-अलग स्थानों पर भारी से लेकर बहुत भारी बारिश की संभावना जताई और रेड, ऑरेंज व यलो अलर्ट जारी किए हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बीते 24 घंटे के दौरान हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, पश्चिमी मध्य प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भी मूसलाधार बारिश हुई। गुजरात, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, बिहार, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा और दक्षिण भारत के राज्य आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी कहीं भारी तो कहीं बहुत अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई। पूर्वी राजस्थान के बारन जिले के शाहाबाद में सर्वाधिक 195 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इसके अलावा, जयपुर, बूंदी, कोटा, सवाई माधोपुर, करौली, टोंक, नागौर में भी भारी बारिश हुई है।
हिमाचल: चलती बस पर गिरा पत्थर, बाल-बाल बचे 20 यात्री
हिमाचल में मानसून की शुरुआत में ही भारी बारिश के चलते दुश्वारियां बढ़ गई हैं। कांगड़ा जिले के जवाली की देहर खड्ड में बकरियां चलाकर लौट रहे एक व्यक्ति की बहने से जान चली गई। सिरमौर जिले में चलती बस में पत्थर गिरने से दो लोग जख्मी हुए हैं। 20 यात्री बाल-बाल बचे। धर्मशाला में सबसे अधिक 214.6 एमएम वर्षा हुई है। कांगड़ा में आठ साल बाद एक दिन में 157 एमएम वर्षा दर्ज की गई है। 154 ट्रांसफॉर्मर में खराबी आने से बिजली आपूर्ति बाधित हुई और 26 पेयजल योजनाएं भी ठप हो गई हैं। मौसम विभाग ने रविवार को भी हल्की बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।