कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा
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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों का समर्थन किया है।
प्रियंका ने फेसबुक पर लिखा प्रदेश के शिक्षक ऑनलाइन अटेंडेंस का विरोध कर रहे हैं। उनके तर्क जायज हैं कि ज्यादातर स्कूल दूर ग्रामीण इलाकों में हैं। इनकी दिक्कतों का ध्यान नहीं रखा गया। उन्होंने पूछा कि क्या ऑनलाइन अटेंडेंस से ही स्कूली शिक्षा की समस्याएं खत्म हो जाएंगी?
उन्होंने कहा कि शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी, पोलियो ड्यूटी, कोरोना ड्यूटी, कई तरह के सर्वे, रैली में भीड़ बढ़ाने, भूसा ढोने जैसे गैरशैक्षणिक कार्य में उलझाया जाता है। स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। शिक्षकों को हॉफ डे, पेड लीव व मेडिकल सुविधा नहीं है। इन समस्याओं का समाधान निकाले बिना अव्यावहारिक आदेश जारी करना शिक्षकों को भावनात्मक व मानसिक चोट पहुंचाना है। वहीं आम आदमी पार्टी शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव अजय गुप्ता ने भी शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी दर्ज करने के आदेश को तानाशाही बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस आदेश को तुरंत वापस ले।
अखिलेश के ट्वीट से भ्रमित हुए शिक्षक
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार देर रात एक्स पर लिखा कि आखिरकार शिक्षकों की एकजुटता के सामने भाजपा सरकार को डिजिटल अटेंडेंस का अपना अतार्किक निर्णय स्थगित करना ही पड़ा। भाजपा सरकार को अब समझ आ गया होगा कि लोकतंत्र में जनता की आवाज ही सबसे बड़ा आदेश होती है। न कि सत्ता की मनमर्जी। शिक्षकों को इस नैतिक विजय के लिए बधाई। हालांकि विभाग ने अपना आदेश वापस नहीं लिया है। इसे लेकर शिक्षकों के बीच में भ्रम की स्थिति रही।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा आज
अपर परियोजना निदेशक राजेंद्र प्रसाद ने डिजिटल अटेंडेंस को लेकर सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक व बीएसए को पत्र भेजकर कहा है कि 11 जुलाई को दोपहर एक बजे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शिक्षक-छात्रों की उपस्थिति की समीक्षा की जाएगी। इसमें सभी बीईओ, जिला समन्वयक प्रशिक्षण आदि भी शामिल होंगे।