भगवान जगन्नाथ मंदिर
– फोटो : एएनआई
विस्तार
ओडिशा सरकार इस बात की जांच करेगी कि पुरी में 12वीं सदी के श्री जगन्नाथ मंदिर के खजाने रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष के डुप्लिकेट चाबियों से 14 जुलाई को ताले क्यों नहीं खुल सके। रत्न भंडार को कीमती सामानों की सूची और इसके ढांचे की मरम्मत के लिए 46 साल बाद रविवार को फिर से खोला गया था।
श्री जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी ने कहा था कि एक विशेष समिति के सदस्यों ने खजाने के आंतरिक कक्ष के दरवाजों पर लगे तीन ताले खोलने की कोशिश की थी। लेकिन पुरी जिला प्रशासन के पास उपलब्ध दो ‘डुप्लिकेट’ चाबियों से उनमें से एक भी नहीं खोला जा सका।
कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा, पिछली बीजद सरकार के दौरान रत्न भंडार की डुप्लीकेट चाबियों की उपलब्धता को लेकर झूठ फैलाया गया था। इस मामले की निश्चित रूप से जांच की जाएगी। श्री जगन्नाथ मंदिर राज्य सरकार के कानून विभाग के अधीन है। उन्होंने कहा कि डुप्लीकेट चाबियों की बात किसने कही थी और किसके निर्देश पर हुई इसकी भी जांच की जाएगी।