डीके शिवकुमार, सिद्धारमैया
– फोटो : एएनआई (फाइल)
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कर्नाटक सरकार ने निजी क्षेत्र में कन्नड़ लोगों के लिए आरक्षण पर मसौदा विधेयक पर रोक लगाई है। इस बीच, राज्य के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि इसे वापस लेने का सवाल ही नहीं है। एक सरकार के रूप में हम स्थानीय स्तर पर अधिक नौकरियां प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कर्नाटक एक वैश्विक कार्यबल प्रदान करे। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है।
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ध्यान भटकाने की रणनीति का इस्तेमाल कर रहे सीएम: विजयेंद्र
वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कर्नाटक के लोगों के हितों की रक्षा को लेकर गंभीर हैं। इतने सारे घोटाले हो रहे हैं। वे ध्यान भटकाने की रणनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह बताता है कि मुख्यमंत्री गंभीर नहीं हैं। मैं मुख्यमंत्री से सभी को भरोसे में लेने और विधेयक को वापस लाने का आग्रह करता हूं।”
‘कर्नाटक के लोगों के गुस्से का सामना करने को तैयार रहें’
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने ‘एक्स’ पर पूछा, “आप कर्नाटक के लोगों को रोजगार देने के लिए विधेयक क्यों लाए? आपने इस पर रोक क्यों लगाई? कर्नाटक के लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ क्यों? क्या आपको अपमान करने के लिए कर्नाटक के लोगों की आवश्यकता है? सरकार को कर्नाटक के लोगों के लिए (निजी क्षेत्र की) नौकरियों में आरक्षण के लिए विधेयक पेश करना चाहिए। विधेयक से ग्रामीण इलाकों में उन लाखों बेरोजगार लोगों में उम्मीद जगी है, अपनी योग्यता के बावजूद नौकरी के अवसरों से वंचित हैं। वरना कर्नाटक के लोगों के गुस्से का सामना करने के लिए तैयार रहें।”