जबलपुर में हुआ दूसरा रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव।
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मध्य प्रदेश अब औद्योगिक विकास के क्षेत्र में नई छलांग लगाने को तैयार है। जल्द ही मध्य प्रदेश में सेना के लिए टैंक बनने शुरू हो जाएंगे। अशोक लीलैंड और आर्मर्ड व्हीकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच करार पर हस्ताक्षर हुए हैं। रक्षा उपकरण बनाने के क्षेत्र में 600 करोड़ रुपये का निवेश प्रदेश में होगा। इसके साथ ही पन्ना में बनने वाले हीरों को प्रदेश में ही तराशने की व्यवस्था होगी। यानी गुजरात के सूरत को सीधे-सीधे मध्य प्रदेश चुनौती देने वाला है।
जबलपुर में शनिवार को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के दौरान 67 औद्योगिक इकाईयों का लोकार्पण और भूमिपूजन हुआ। इन नई औद्योगिक इकाइयों से 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इन इकाइयों को भूमि आवंटन के आशय पत्र भी सौंपे गए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस कल्चरल एंड इंफॉर्मेशन सेंटर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में उद्योगों से जुड़ी महत्वपूर्ण घोषणाएं की। मुख्यमंत्री ने कहा कि टेक्सटाइल क्षेत्र में अति-आधुनिक स्किल सेंटर की शुरूआत की जाएगी, जिससे विशेष रूप से बहनों को रोजगार प्राप्त होगा।
इस वर्ष का दूसरा इंडस्ट्री कॉन्क्लेव जबलपुर में आयोजित हुआ। पांच देशों के साथ-साथ देश के कई प्रमुख उद्योगपतियों ने कॉन्क्लेव में भाग लिया। इससे पहले मार्च में उज्जैन में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ था। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रदेश की 29 औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण और 38 औद्योगिक इकाइयों का भूमिपूजन किया। कुल 67 इकाइयों की शुरुआत की। इन परियोजनाओं में 1,500 करोड़ रुपए का निवेश होगा। करीब 4,500 लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रदेश की 265 इकाइयों को 340 एकड़ भूमि के आवंटन के लिए आशय पत्र जारी किए गए। 1,800 करोड़ रुपये का निवेश होगा। 12,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रदेश में 16 औद्योगिक पार्क के माध्यम से कुल 517 लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योगों द्वारा पौने छह हजार करोड़ का निवेश हुआ है। इससे 20 हजार लोगों को रोजगार मिला है। कॉन्क्लेव में मध्य प्रदेश की विशेषताओं पर केंद्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। जबलपुर की रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में चार हजार से ज्यादा निवेशक जुटे। उद्यमियों से वन-टू-वन चर्चा भी हुई। कॉन्क्लेव में पांच सेक्टर्स पर फोकस किया गया। ये हैं- एग्रो, माइंस, डिफेंस, टूरिज्म और गारमेंट्स।