अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन
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जो बाइडन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 से अपना नाम वापस ले लिया है। लेकिन यह फैसला अचानक ही नहीं लिया गया है। दरअसल बाइडन पर चुनाव लड़ने को लेकर कई दिनों से दबाव था। हम आपको बताएंगे वो पांच बड़े कारण जिसकी वजह से बाइडन को इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा।
1. ट्रंप के खिलाफ बहस में कमजोर प्रदर्शन
नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की पहली बहस का आयोजन पिछले महीने किया गया था। 990 मिनट तक चली इस बहस के दौरान, राष्ट्रपति बाइडन और ट्रंप ने अर्थव्यवस्था, आव्रजन, विदेश नीति, गर्भपात और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर बहस की। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को झूठा और अमेरिका के इतिहास का सबसे खराब राष्ट्रपति कहा। जिसके बाद पोल में कहा गया है कि बहस को टीवी पर देखने वाले पंजीकृत 33 प्रतिशत लोगों में से 67 प्रतिशत ने माना कि पहली बहस में ट्रंप, बाइडन पर भारी पड़े। बहस देखने वालों में से 57 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें बाइडन की देश का नेतृत्व करने की क्षमता पर भरोसा नहीं है, वहीं 44 प्रतिशत ने ट्रंप की क्षमताओं पर शक जाहिर किया था।
2. वित्तदाताओं ने हाथ पीछे खींच लिए
चुनावी बहस में हार के कुछ दिनों बाद राष्ट्रपति जो बाइडन के चुनाव अभियान को एक बड़ा झटका लगा था। उनके वित्तदाताओं के एक समूह ने पहले दिए गए योगदान से लगभग 90 मिलियन अमेरिकी डॉलर को ना देने का फैसला लिया था।
3. पार्टी के अंदर उठने लगीं थीं खिलाफत की आवाजें
वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी के अंदर से ही बाइडन के खिलाफ आवाजें उठने लगीं थीं। पार्टी के लोग ट्रंप से बहस में पिछड़ने के बाद बाइडन को राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से बाहर निकलने की अपील कर रहे थे। ऐसे में बाइडन पर चुनाव ना लड़ने का दबाव बन रहा था।
4. समर्थकों की संख्या का लगातार कम होना
राष्ट्रपति बाइडन के समर्थन में भारतीय-अमेरिकी समर्थकों के प्रतिशत में गिरावट देखने को मिल रही थी। हर दो साल होने वाले एशियाई-अमेरिकी वोटर सर्वे (एएवीएस) के अनुसार, 2020 के चुनाव और 2024 में होने वाले चुनाव में जो बाइडन का समर्थन करने वाले भारतीय-अमेरिकी समर्थकों में 19 फीसदी की गिरावट हुई थी।
5. बढ़ती उम्र को लेकर उठ रहे थे सवाल
राष्ट्रपति चुनाव से पहले डेमोक्रेट पार्टी अपने ही उम्मीदवार को लेकर दुविधा में थी। दरअसल पार्टी में जो बाइडन को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के खिलाफ उठे स्वर थमने का नाम नहीं ले रहे थे। हालांकि बाइडन ने साफ किया था कि वही रेस में हैं, लेकिन अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स की मानें तो पार्टी के भीतर जो बाइडन के विकल्पों पर विचार शुरू हो गया था। खासकर पिछले महीने अटलांटा में हुई पहली बहस के बाद तो बाइडन की बढ़ती उम्र की चर्चा फिर से तेज हो गई थी।