Ravichandran Ashwin on Rahul Dravid: भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बड़ा खुलासा किया है. अश्विन ने कहा कि बारबाडोस में भारत के टी20 विश्व कप जीतने के बाद विराट कोहली का पूर्व कोच राहुल द्रविड़ को टी20 विश्व कप ट्रॉफी सौंपना और कोच का खुशी में चीखना और रोना कुछ ऐसा था जो हमेशा उनकी यादों में रहेगा.
बता दें कि 2024 टी20 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया ने लगभग हारी हुई बाजी जीती थी. खिताबी मैच में दक्षिण अफ्रीका को आखिरी 24 गेंद पर जीत के लिए सिर्फ 24 रन ही बनाने थे. यहां से भारत ने नामुमकिन को मुमकिन किया और बाजी पलट दी.
अश्विन ने बताया कि यह 51 साल के राहुल द्रविड़ के लिए विशेष लम्हा था, जो खिलाड़ी के रूप में आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) का खिताब नहीं जीत पाए, लेकिन अंतत: कोच के रूप में ऐसा करने में सफल रहे. अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर वीडियो में कहा, मेरे लिए सबसे शानदार लम्हा वह है जब विराट कोहली राहुल द्रविड़ को बुलाते हैं और उन्हें कप (ट्रॉफी) देते हैं. मैंने उन्हें कप को गले लगाते हुए और रोते हुए देखा. राहुल द्रविड़ चीख और रो रहे थे. मैंने उन्हें इसका लुत्फ उठाते हुए देखा.
अश्विन का मानना है कि द्रविड़ वेस्टइंडीज में अपने मार्गदर्शन में एक और अभियान को लेकर डरे हुए थे, क्योंकि 2007 वनडे विश्व कप में उनकी कप्तानी में टीम ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी. उन्होंने कहा, “मैं एक डरे हुए व्यक्ति के बारे में बात करना चाहता हूं. 2007 में 50 ओवर का विश्व कप. भारत बाहर हो गया. राहुल द्रविड़ तब कप्तान थे. उन्होंने इसके बाद वनडे टीम की कप्तानी नहीं की. वह भारतीय टीम के साथ थे. अगर कुछ गलत होता, अगर भारतीय टीम बाहर हो जाती या अगर वे मैच हार जाते तो तुरंत वे पूछते कि द्रविड़ क्या रहे हैं.”
अश्विन ने भारतीय कोच के रूप में द्रविड़ की कड़ी मेहनत को स्वीकार करते हुए कहा कि वह टीम में संतुलन लाए और दृष्टिकोण बदला. उन्होंने कहा, “मैं जानता हूं कि पिछले दो-तीन सालों से वह इस टीम के साथ क्या कर रहे हैं. मैं जानता हूं कि वह कितने संतुलित रहे हैं. मैं जानता हूं कि इस दृष्टिकोण को बदलने के लिए उन्होंने कितनी मेहनत की है.”
अश्विन ने आगे कहा, “मैं जानता हूं कि उन्होंने अपने प्रत्येक खिलाड़ी को क्या दिया है. यहां तक कि जब वह घर पर बैठे होते हैं तब भी वह यह योजना बनाते रहते हैं कि ये कैसे करना है और वो कैसे करना है.”
गौरतलब है कि द्रविड़ के मार्गदर्शन में भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और वनडे विश्व कप के फाइनल में भी पहुंचा, लेकिन दोनों मौकों पर ऑस्ट्रेलिया से हार गया.