किडनी
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राजधानी लखनऊ में केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में भारतीय ट्रॉमा एवं तीव्र देखभाल सोसाइटी के 14वें वार्षिक और उत्तर प्रदेश चैप्टर का दूसरा सम्मेलन हुआ। इसमें सर्जन प्रो. हरविंदर पाहवा ने कहा कि दुर्घटना में बुरी तरह से घायल होने वाले व्यक्ति को एक साल तक सेकेंडरी हाइपरटेंशन की जांच करानी चाहिए। कई बार किडनी पर चोट लगने से हाइपरटेंशन की समस्या होती है। यह सामान्य हाइपरटेंशन से ज्यादा खतरनाक है। समय से पता चलने पर इसका इलाज संभव है।
उन्होंने कहा, आधुनिक तकनीक से किडनी संबंधित सर्जरी भी आसान हो गई हैं। पहले पूरा गुर्दा निकालना पड़ता था। अब दूरबीन विधि से सर्जरी हो जाती है। ऐसा माना जाता है कि विभिन्न दुर्घटना के दौरान सिर व हड्डी में चोट ज्यादा आती है। जबकि पेट में विशेषकर लिवर व किडनी की चोट भी गंभीर हो सकती हैं। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
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