Budget 2024
– फोटो : अमर उजाला
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बजट को कोऑपरेटिव इस्टेट सभागार दादानगर में उद्यमियों ने साथ मिलकर स्क्रीन पर लाइव देखा। उद्यमियों ने बजट का निराश करने वाला बताया। उनका कहना है कि कानपुर के उद्यमी जो उम्मीद लगाए थे, बजट उस पर खरा नहीं उतरा। सोने पर आयात शुल्क कम करने का मतलब समझ से परे है।
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पुराने उद्यमियों के लिए कोई राहत नहीं
बजट में नए उद्यमियों के लिए तो राहत दी जा रही है, लेकिन पुराने उद्यमियों की ओर ध्यान नहीं दिया गया। इसके अलावा उद्योगों पर इंस्पेक्टर राज भी हावी होता जा रहा है। इस पर अंकुश लगाने के लिए भी कोई प्रावधान नहीं किया गया। – विजय कपूर, चेयरमैन, कोपेइस्टेट
एक हाथ से लेने तो दूसरे से देने का काम किया
बजट में सरकार ने टैक्स स्लैब में छूट तो दी है, लेकिन लांग टर्म कैपिटल गेन बढ़ाकर एक हाथ से लेना और दूसरे हाथ से देने वाला काम किया है। टैक्स स्लैब 15 लाख पर 30 फीसदी के बजाय 20 लाख से ऊपर पर होना चाहिए, तो बेहतर रहता। – संदीप मलहोत्रा, एक्सपोर्टर
इंडस्टि्रयल हब में भी हो हिस्सेदारी
बजट में 12 इंडस्टि्रयल हब बनाए जाने का निर्णय अच्छा है, लेकिन इसमें कानपुर की भी हिस्सेदारी होनी चाहिए। छोटे उद्यमियों को मामूली राहत दी गई है, बाकी जीएसटी में भी कोई राहत इस बजट में नहीं दी गई है। – ओपी सिंह, उद्यमी
बिहार और आंध्रप्रदेश को अधिक लाभ
केंद्रीय बजट में उत्तर प्रदेश के बजाय बिहार और आंध्रप्रदेश की झोली अधिक भरी गई है। इस बार जीएसटी में राहत मिलने की उम्मीद थी, जो नहीं पूरी हुई है। रही बात टैक्स छूट की तो वह भी ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है। लघु उद्योगों के लिए भी कुछ होना चाहिए था।– हरीश इसरानी, उद्यमी