होटल क्लार्क।
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रक्षा संपदा विभाग ने प्रयागराज के अलावा अयोध्या और वाराणसी के पट्टाधारकों को 10 करोड़ रुपये बकाये का नोटिस भेजा है। 1925 से 1937 के बीच छावनी अधिनियम के तहत विभिन्न प्रतिष्ठानों को 90 वर्ष के लिए आवंटित की गई रक्षा भूमि के पट्टे की अवधि समाप्त हो चुकी है। वर्ष 2017 के बाद नए सर्किल रेट लागू होने पर रक्षा मंत्रालय के निर्देश पर रक्षा संपदा विभाग ने 90 वर्ष के समाप्त पट्टों को बकाया जमा कर आगे जारी रखने का नोटिस भेजा है। इन तीनों जिलों के कुल 67 बंगलों को यह नोटिस भेला गया है। इसमें वाराणसी के नामी क्लार्क होटल का भी नाम शामिल है। क्लार्क पर चार करोड़ रुपये बकाया है।
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रक्षा संपदा विभाग की तरफ से प्रयागराज के 44, वाराणसी के 13 और अयोध्या के 10 बंगलों को नोटिस भेजा गया है। इसमें प्रत्येक बंगले पर पांच लाख रुपये से ऊपर का बकाया है। वहीं सबसे बड़ा बकाया वाराणसी के क्लार्क होटल पर है। रक्षा संपदा की तरफ से चार करोड़ रुपये का बकाया भेजा गया है। रक्षा संपदा विभाग के अफसरों का कहना है कि जो शुरुआती दौर में पट्टा आवंटन के समय जो दर लागू की गई थी, वह काफी कम थी। इश वजह से सालाना किराया 400 से 500 रुपये की बीच आता था। वहीं रक्षा मंत्रालय ने 2017 के बाद नया सर्किल रेट जारी कर दिया है।