दीवानी में लगा हाई कोर्ट की सीमांकन का पठार
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सदन में सपा से राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन ने मंगलवार को आगरा में हाईकोर्ट की खंडपीठ स्थापना का मुद्दा उठाया। उन्होंने अधिवक्ताओं की 58 साल पुरानी मांग को एक बार फिर जीवंत कर दिया। पहले भी शहर से दिल्ली तक इस मांग की गूंज हो चुकी है। अधिवक्ताओं का कहना है कि सरकारें बदलती रहीं, मगर खंडपीठ स्थापना की आस अब तक पूरी नहीं हुई। वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत भारद्वाज ने बताया कि आगरा में वर्ष 1845 में सदर दीवानी और निजामत अदालत होती थी।
जनप्रतिनिधियों ने नहीं उठाई आवाज
राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा, महासचिव राजेंद्र गुप्ता धीरज, रामदत्त दिवाकर, आरएस मौर्या, बीएस फौजदार, सत्य प्रकाश सक्सेना, पवन कुमार गौतम, ग्रेटर बार के पूर्व अध्यक्ष, राकेश नौहवार ने कहा है कि केंद्र और प्रदेश में एक ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद आगरा को खंडपीठ नहीं मिल पा रही है। दो-दो बार केंद्र में मंत्री और प्रदेश में आगरा मंडल के कई मंत्री होने के बावजूद आगरा में खंडपीठ स्थापित करने के लिए कोई आवाज नहीं उठाई गई।