पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अदालत में गुप्त धन (Hush Money) से जुड़े एक आपराधिक मामले में जारी एक आदेश को समाप्त करने की अपील की थी। आदेश में ट्रंप पर गवाहों और जूरी के खिलाफ बोलने पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी।
डोनाल्ड ट्रंप
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न्यूयॉर्क की एक अदालत ने गुरुवार को डोनाल्ड ट्रंप की याचिका को खारिज कर दिया। दरअसल पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने अदालत में गुप्त धन (Hush Money) से जुड़े एक आपराधिक मामले में जारी एक आदेश को समाप्त करने की अपील की थी। आदेश में ट्रंप पर गवाहों और जूरी के खिलाफ बोलने पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी। रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति के उम्मीदवार ने अदालत में तर्क दिया था कि उनकी मई की अपराध सिद्धि की परिस्थितियों में बदलाव हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि ये ‘बदलती परिस्थितियां’ प्रतिबंध हटाने का आधार हैं।
मार्च महीने में लगाया गया था ट्रंप पर प्रतिबंध
न्यूयॉर्क की अदालत में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा है कि न्यायाधीश जुआन एम. मर्चन का ट्रंप की सजा तक प्रतिबंध लगाने के फैसले के कुछ हिस्सों को बढ़ाना सही था। आपको बता दें कि न्यायाधीश जुआन एम. मर्चन ने मार्च महीने में डोनाल्ड ट्रंप पर गवाहों और जूरी के खिलाफ बोलने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था। यह आदेश ट्रंप के खिलाफ गुप्त धन मामले में ट्रायल शुरू होने से कुछ सप्ताह पहले जारी किया गया था। उस दौरान अदालत में अभियोजकों ने कहा था कि ट्रंप को अपने मामलों में शामिल लोगों पर हमला करने की आदत है। इसे लेकर अभियोजकों ने चिंता भी व्यक्त की थी। इसके बाद अदालत ने ट्रंप पर 10 हजार डॉलर का जुर्माना लगाते हुए चेतावनी दी थी कि अगर प्रतिबंध का उल्लंघन हुआ तो सलाखों के पीछे जाना होगा।
सजा के एलान के बाद भी जारी रहेगा प्रतिबंध
इसके बाद जून महीने में ट्रंप पर लगे कुछ प्रतिबंध हटाए गए थे। प्रतिबंध हटाए जाने के बाद ट्रंप को गवाहों और जूरी के बारे में टिप्पणी करने की अनुमति तो मिल गई थी लेकिन, प्रतिबंध पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। अदालत ने यह भी कहा कि सजा के एलान के बाद भी ट्रंप, उनके अभियोजकों और उनके परिवार पर प्रतिबंध जारी रहेगा। अदालत में ट्रंप ने किसी भी तरह के गलत काम में जुड़े रहने से इनकार किया है। हालांकि उनकी सजा पर 11 जुलाई को फैसला सुनाया जाना था लेकिन न्यायमूर्ति मर्चन ने इस फैसले को 18 सितंबर तक स्थगित कर दिया था।