वायनाड में भूस्खलन के बाद बचाव और राहत कार्य
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वायनाड में 30 जुलाई को हुए विनाशकारी भूस्खलन के बारे में आपातकालीन सेवाओं को सबसे पहले सूचित करने वालीं महिला नीतू जोजो की बचाव दल के पहुंचने से पहले ही मौत हो गई। वह एक निजी अस्पताल में कर्मचारी थीं।
नीतू जोजो की कॉल रिकॉर्डिंग हुई थी वायरल
चूरलमाला में विनाशकारी भूस्खलन के बाद घर में फंसे अपने और कुछ अन्य परिवारों के लिए मदद मांगने वाली नीतू की कॉल की रिकॉर्डिंग वायरल हुई थी। रिकॉर्डिंग में उन्हें 30 जुलाई की सुबह में हुई भयावह का विवरण बताते सुना गया था, जब उनका घर भूस्खलन की चपेट में था।
इस कॉल रिकॉर्डिंग में नीतू को यह कहते हुए सुना गया था कि पानी उनके घर के अंदर बह रहा है, जो भूस्खलन में बह गई कारों सहित मलबे से घिरा हुआ था। वह कह रहीं थीं कि उनके घर के पास रहने वाले पांच से छह परिवार प्रकृति के प्रकोप से बचकर उनके घर में शरण ले चुके हैं, जो तुलनात्मक रूप से सुरक्षित था। नीतू संभवतः घटना की पहली सूचना देने वालों में से एक थीं, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें बचाया नहीं जा सका और उनका शव कई दिनों बाद मिला।