प्लेट फार्म नंबर दो पर रेलवे ट्रैक पार कर रहा आरपीएफ कर्मी
– फोटो : रूपेश शर्मा
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यात्रीगण! कृपया ध्यान दें, रेलवे ट्रैक पार न करें। एक प्लेटफॉर्म से दूसरे पर जाने के लिए फुटओवर ब्रिज और लिफ्ट का इस्तेमाल करें…इस उद्घोषणा के बावजूद यात्री रेलवे ट्रैक पार करते हैं और ट्रेन की चपेट में जान गंवा बैठते हैं। पिछले पांच साल में अलीगढ़ रेलवे स्टेशन सेक्शन क्षेत्र के दाऊद खां व महरावल के मध्य 383 यात्रियों की मौत हो चुकी है। जिस जिन जीरआरपी व आरपीएफ कर्मियों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी है, वह भी ट्रैक पार कर नियम तोड़ते हैं, उनकी देखा-देखी अन्य यात्री भी ऐसा करते हैं।
अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर सात प्लेटफॉर्म हैं। एक नंबर प्लेटफॉर्म क्रियाशील नहीं है, दो नंबर मुख्य प्लेटफॉर्म है। दो से पांच तक प्लेटफॉर्म व्यस्त रहते हैं। नॉन स्टॉप ट्रेनों को अप में 100 और डाउन में 110 किमी प्रति घंटा को रफ्तार से गुजारा जाता है। कानपुर व दिल्ली छोर पर दो ओवरब्रिज बने हैं। दो लिफ्ट भी लगी हैं, लेकिन ज्यादातर समय उनके बंद रहने या फिर भीड़ से बचने के लिए लोग पटरियों को पार करते हैं। इस दौरान ट्रेनों की चपेट में आने से उनकी जान चली जाती है।
रेलवे स्टेशन क्षेत्र में हादसों की रोकथाम के लिए प्लेटफार्म संख्या चार, पांच, छह और सात के बीच फेंसिंग के लिए तकनीकी टीम से निरीक्षण कराया जाएगा। सुरक्षा कारणों से बाधा न आई तो रेलिंग लगवाई जाएगी। यात्रियों से अपील है कि प्लेटफार्म पर जाने के लिए पैदल पुल का इस्तेमाल करें। रेलवे ट्रैक पार न करें।- अमित सिंह, जनसंपर्क अधिकारी प्रयागराज मंडल, उत्तर-मध्य रेलवे।