अनिल देशमुख, सचिन वाजे
– फोटो : एएनआई (फाइल)
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बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे ने एक पत्र में दावा किया है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उन पर कई अवैध काम करने का दबाव डाला था। वाजे ने कहा कि देशमुख ने कई बार यह भी कहा था कि यह काम ‘पवार साहब’ की ओर आया है। न्यायिक हिरासत में बंद वाजे ने सोमवार को सांसदों और विधायकों के मामलों के विशेष न्यायाधीश एयू कदम को उस पत्र के बारे में बताया जो उन्होंने 30 जुलाई को उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखा था।
पत्र में वाजे ने दावा किया, “अनिल देशमुख के कार्यकाल के दौरान गृह विभाग का काम का स्तर निचले स्तर तक पहुंचा। मैं भी इसका पीड़ित हूं। देशमुख के दबाव में मुझे कई बार अवैध काम करने के लिए मजबूर किया गया, जो मेरे जैसे अधिकारी द्वारा नहीं किए जाने चाहिए थे। कई मामलों में देशमुख कहा करते थे कि यह काम पाटिल साहब की ओर से आया है और काम करवाओ।”
जेल से लिखे पत्र में वाजे ने दावा किया, मेरी यह पूछने की हिम्मत नहीं हुई कि ‘पवार साहब’ का वास्तव में मतबल किसे था। उनके पत्र में आगे जिक्र किया गया है कि देशमुख ने बड़े पवार साहब और पाटिल साहब के नाम पर कोई लोगों दबाव डाला। उनके समूह ने पुलिस अधिकारियों के तबादलों और पदोन्नति के लिए करोड़ों रुपये इकट्ठा किए। कुछ चीजें हईं, लेकिन ज्यादातर नहीं हुईं।
पत्र में वाजे ने दावा किया कि अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) में उनके कार्यकाल के दौरान उनकी टीम ने शहर के हुक्का पार्लरों पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की थी। उन्होंने कहा, हमने भारत के सबसे बड़े अवैध हुक्का वितरक को पकड़ा और उसके गोदाम को सील किया। उस समय मुख्य वितरक को गिरफ्तार करने के बजाय पूर्व मंत्री जयंत पाटिल न किसी और को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। वाजे ने पत्र में चंदीवाल आयोग का भी जिक्र किया है, जिसका गठन तत्कालीन एमवीए सरकार ने देशमुख के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए किया था।