सबकी जुबां पर पहला सवाल तो यही था कि वजह क्या है? किस मामले में टीम आई है? हालांकि अक्की टीम के हाथ नहीं लगा। मगर दोपहर होते-होते परिवार ने वह सर्च वारंट करीबियों को भेज दिया, जिसके चलते टीम आई थी। उसकी जांच पर जानकारी के बाद सभी ने राहत महसूस की।
कारोबारी अमित गोयल के घर से जांच के बाद बाहर आते सीबीआई के अधिकारी
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आगरा के बेलनगंज से आकर अलीगढ़ बसे कारोबारी अमित गोयल उर्फ अक्की ने तीन दशक में शहर के लोहा-प्रॉपर्टी आदि कारोबार में गहरी पैठ बनाई है और कई बड़े नामी कारोबारियों संग व्यापार में निवेश किया है। दिन निकलने के बाद जब अक्की के घर सीबीआई के छापे की खबर शहर में फैली तो तमाम कारोबारियों के पसीने छूट गए।
सबकी जुबां पर पहला सवाल तो यही था कि वजह क्या है? किस मामले में टीम आई है? हालांकि अक्की टीम के हाथ नहीं लगा। मगर दोपहर होते-होते परिवार ने वह सर्च वारंट करीबियों को भेज दिया, जिसके चलते टीम आई थी। उसकी जांच पर जानकारी के बाद सभी ने राहत महसूस की।
मैं वीएस मैटलिक फर्म से लोहा खरीदता था। यह लोहा अलीगढ़ की ताला फर्मों को सप्लाई होता था। इसी क्रम में मैंने 47 लाख रुपये का एक मर्तबा भुगतान इस फर्म को माल मंगाने के लिए किया। न तो आज तक रकम वापस मिली और न माल मिला। इसी बीच इस फर्म पर सीबीआई ने ऋण के गबन का मुकदमा दर्ज किया। मेरी तरह इस फर्म से व्यापार करने वाले 250 लोगों से पूछताछ हुई। मुझे भी बुलाया गया। मुझे पहले गवाह माना गया। मैं पहली बार में सभी साक्ष्य देकर आया। इसके बाद करीब 18 बार मुझे बतौर गवाह नोटिस आए। मगर मैंने जाने से इन्कार कर दिया। इनकी तलबी के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में अपील की। इसी में अब मुझे बेवजह परेशान करने के इरादे से आरोपी बनाकर टीम गलत तरीके से सर्च वारंट लेकर आई है। इस मामले में भी मैं टीम के खिलाफ अदालत जाऊंगा। मेरा इस तरह के गबन से कोई लेना देना नहीं है। – अमित गोयल, कारोबारी