संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय
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देश के 18 संस्कृत विश्वविद्यालयों में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय पहला विश्वविद्यालय होगा जहां डॉ. बीआर आंबेडकर चेयर की स्थापना की जाएगी। विश्वविद्यालय में दो वर्षीय स्पेनिश डिप्लोमा और मंदिर प्रबंधन का डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही संस्कृत महाविद्यालयों में तैनात शिक्षकों का भी स्थानांतरण किया जाएगा।
सोमवार को कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई विद्यापरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर पेश प्रस्ताव पर सर्व सम्मति से मुहर लग गई। योग साधना केंद्र में विद्यापरिषद की बैठक में कुलपति ने कहा कि डॉ. बीआर आंबेडकर चेयर के माध्यम से आंबेडकर के संस्कृत में योगदान, व्यक्तित्व और समावेशी विकास के साथ सामाजिक न्याय पर उनके कृतित्व पर अध्ययन और शोध किया जाएगा। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय देश का पहला विश्वविद्यालय होगा जहां यह चेयर स्थापित होगी। वेद विभाग की ओर से शास्त्री/आचार्य की डिग्री व अंक पत्र में पौरोहित्य-कर्मकांड अंकित किए जाने पर स्वीकृत दी गई।
हिंदू अध्ययन के पाठ्यक्रम को तुलनात्मक धर्म दर्शन विभाग के अंतर्गत चलाने की स्वीकृति प्रदान की गई। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से जारी एसओपी के अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा संचालित शास्त्री-आचार्य के पाठ्यक्रमों की संरचना एवं अंकपत्र के प्रारूप के अनुमोदन पर सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। द्विवर्षीय स्पेनिश भाषा डिप्लोमा पाठ्यक्रम और मंदिर प्रबंधन में डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने की स्वीकृति दी गई।