‘वेदा’ देखने से पहले, मन में कई सवाल पैदा हो रहे थे. यह बार-बार सोच रहा था कि क्या जॉन अब्राहम इस बार भी अपने पुराने किरदारों में भी नजर आएंगे, क्योंकि ट्रेलर को देखकर कुछ ऐसा ही लग रहा था, लेकिन इस बार उन्होंने मुझे गलत साबित कर दिया. ‘वेदा’ निश्चित रूप से आपको उनकी एक पुरानी फिल्म ‘रॉकी हैंडसम’ की याद दिला देगी, लेकिन यह फिल्म उससे काफी अलग है. जॉन ने फिल्म में जिस तरह का किरदार निभाया है, वह तारीफे काबिल है.
तो चलिए सबसे पहले बात करते हैं फिल्म की कहानी की. इस बार जॉन बिल्कुल फ्रेश कहानी लेकर आए हैं, जिसमें वो एक आर्मी मेजर अभिमन्यु कंवर का किरदार निभा रहे हैं, लेकिन किसी कारण से कोर्ट मार्शल के चलते उन्हें सेना से निकाल दिया जाता है. उनकी पत्नी के किरदार में आपको तमन्ना भाटिया (राशि) नजर आएंगी, लेकिन सेना के एक ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों द्वारा राशि की हत्या कर दी जाती है. सेना से निकाले जाने के बाद और राशी की हत्या के बाद अभिमन्यु अपनी पत्नी के घर आकर रहने लगता है. पूरी कहानी राजस्थान पर आधारित है. फिल्म का मुख्य विषय जातिवाद है, जहां ऊंची जाति के लोगों को निचली जाति के लोगों का शोषण करते हुए दिखाया गया है.
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वहीं, शरवरी गांव की एक लड़की वेदा की भूमिका में हैं, जो निचली जाति से आती हैं, लेकिन वह एक बॉक्सर बनना चाहती है. लेकिन गांव का प्रधान जीतेंद्र प्रताप सिंह (अभिषेक बनर्जी) ऐसा होने नहीं देना चाहता है. वह नीचली जात वाले वालों पर अत्याचार करता है. वह वेदा की बहन और भाई का हत्या करवा देता है और वेदा को भी मारना चाहता है, लेकिन वेदा को अभिमन्यु का साथ मिलता है. अभिमन्यु वेदा की मदद करता है. यह फिल्म आपको बेहद पसंद आने वाली है.
अब कुछ सवाल हैं, क्या अभिमन्यु वेदा की जान बचा पाएगा? आखिर अभिमन्यु को सेना से बाहर क्यों निकाला गया? इन सबके जवाब के लिए आपको सिनेमाघरों में जाकर पूरी फिल्म देखनी होगी. वैसे, इस बार जॉन आपका दिल जीत लेंगे. अभिनय की बात करें तो फिल्म में अभिषेक बनर्जी को मेन विलेन के रूप में देखेंगे. उन्होंने क्या कमाल का निगेटिव रोल प्ले किया है. वहीं, जॉन के साथ-साथ शरवरी, अभिषेक बनर्जी, तमन्ना भाटिया और तमाम स्टार कास्ट की एक्टिंग आपको बहुत पसंद आएगी.
वहीं, निर्देशन की बात की जाए तो निखिल आडवाणी का कोई जवाब नहीं. उन्होंने फिल्म के हर एक सीन को बड़ी बारिकियों के साथ शूट किया है. उन्होंने जॉन को एक नया जीवनदान दिया है. वैसे बता दें, इस फिल्म जॉन खुद भी प्रोड्यूसर हैं. फिल्म पहला हाफ आपको थोड़ा बोर कर सकता है, क्योंकि यहां स्पीड थोड़ी कम होती है, जिससे फिल्म स्लो हो जाता है, लेकिन सेकंड हाफ आते ही फिल्म वापस से रफ्तार पकड़ लेती है और फिर आपको सीट से उठने तक का मौका नहीं देती है.
अमाल मलिक और मनन भारद्वाज के संगीत आपको पसंद आएंगे. फिल्म में एक्शन के साथ-साथ इमोशन को काफी जोड़ा गया है. कई दफा आप इतने भावुक हो जाते हैं कि आपकी आंखें नम होने लगती हैं. आप इस फिल्म को पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं. यह एक फुल एंटरटेनिंग फिल्म है, तो मेरी ओर से इस फिल्म को 3.5 स्टार.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
Tags: Film review, John abraham
FIRST PUBLISHED : August 15, 2024, 02:58 IST