अखिलेश यादव
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लखनऊ में गोमती नगर इलाके में बारिश में पानी से भरी सड़क से गुजरती युवती से बदसलूकी के मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। बृहस्पतिवार को स्वतंत्रता दिवस पर इस मामले के आरोपी पवन यादव ने अखिलेश यादव से मुलाकात की। पवन ने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि उसके नाम के आगे यादव लिखा है, इसीलिए उसे फंसाया गया।
वहीं, अखिलेश यादव ने पुलिस पर सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस घटना में भाजपा के भी खास लोग थे। अखिलेश यादव ने कहा कि गोमती नगर घटना में जो लड़के पकड़े गए और जिसका विधानसभा में नाम लिया गया, वह मिलने आया है। अखिलेश ने आगे कहा कि जिन अधिकारियों ने अपना रुतबा बढ़ाने और सरकार की इमेज बनाने के लिए इनको पकड़ा और थाने में ले जाकर हाथ जोड़कर तस्वीर छापी। मैं उनसे कहूँगा कि उनको मत भूलना और मैं भी उनको नहीं भूलूँगा। विधानसभा में और भी नाम पढ़े जाने चाहिए थे, लेकिन केवल दो नाम पढ़े गए। वहीं पवन के आरोपों पर लखनऊ पुलिस ने कहा है कि कोर्ट ने आरोपी को दोषमुक्त नहीं किया है। पवन पर तीन मुकदमे पहले से ही दर्ज हैं, जिसमें चार्जशीट लग चुकी है।
करीब छह दिन जेल में रहने के बाद हाल ही जमानत पर बाहर आए पवन ने सपा मुख्यालय पहुंचकर अखिलेश यादव से मुलाकात की। पवन ने कहा कि घटना वाले दिन वह वहां पर मौजूद नहीं था। वह अपने दोस्त के साथ रिवर साइड पर चाय पी रहा था। पुलिस वाले आए और नाम पूछकर उठा उठा ले गए। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यह लड़का वहां चाय पीने गया था, लेकिन इसे पुलिस वालों ने पकड़ लिया। उन्होंने कहा ये जाँच का विषय है जिसके बाद ये लोग छूट जाएँगे।
अखिलेश ने आरोप लगाया कि घटना में भाजपा के लोग भी थे लेकिन निशाना केवल पवन यादव को बनाया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस सरकार के इशारे पर काम कर रही है जबकि सरकार को न्याय करना चाहिए। सभी दोषियों के मां-बाप के साथ नाम जारी करना चाहिए।
अखिलेश के बयान के बाद लखनऊ पुलिस ने भी एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया कोर्ट ने आरोपी को दोषमुक्त नहीं किया है। पवन पर तीन मुकदमे पहले से ही दर्ज हैं, जिनमें चार्जशीट लग चुकी है। पवन को क्लीनचिट नहीं दी गई है और सबूतों के आधार पर ही कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने भी उसे दोषमुक्त नहीं किया है। मामले में अभी भी विवेचना जारी है।