Kolkata murder case
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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में हुई डॉक्टर की हत्या के विरोध में शनिवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल से ओपीडी पूरी तरह ठप हो गई। आपातकालीन में मरीजों को दवा तो मिली, लेकिन वार्ड में सुविधा न होने के कारण काफी मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। ऐसे में गंभीर हालत के मरीज भी इलाज के लिए भटकते हुए नजर आए। शनिवार को एम्स की ओपीडी में 202 मरीज ही आए, जबकि सामान्य तौर पर यहां 10 हजार से ज्यादा मरीज आते हैं। वहीं, इस दौरान एम्स व इसके सेंटर पर केवल 240 मरीजों को भर्ती किया गया। छोटी-बड़ी 66 सर्जरी ही हो पाईं। एम्स की तरह ही दूसरे अस्पतालों का हाल रहा। इनमें भी ओपीडी के साथ सर्जरी व भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या काफी कम रही।
दूसरी तरफ रेजिडेंट डॉक्टरों ने सुबह एम्स, सफदरजंग, डॉ. राम मनोहर लोहिया, लेडी हार्डिंग, जीटीबी, डीडीयू सहित दूसरे अस्पतालों में विरोध प्रदर्शन किया। शाम होते ही लेडी हार्डिंग अस्पताल से जंतर-मंतर तक विरोध मार्च निकाला। इस दौरान डॉक्टरों को शिवाजी स्टेडियम के पास कुछ देर के लिए रोका भी गया, लेकिन लगातार बढ़ती डॉक्टरों की भीड़ को देखते हुए सभी को जंतर-मंतर पर जाने दिया गया। इस मौके पर फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया रेजिडेंट्स एसोसिएशन (फाइमा) के अध्यक्ष डॉ. रोहन कृष्णन ने कहा कि न्याय देने के साथ केंद्रीय कानून की मांग कर रहे हैं। मौजूदा हालात में कोई काम नहीं कर सकता। डॉक्टरों की मांग जायज है। उधर, देर रात तक डॉक्टरों की बैठक जारी रही।