सांकेतिक तस्वीर
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चकेरी थाने में तैनात दरोगा और एक सिपाही समेत चार पुलिसकर्मियों पर चकेरी थाने में ही अपहरण, धमकी, रंगदारी और मारपीट के मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई है। पीड़ित महिला ने नाबालिग बेटे को घर से अपहरण कर ले जाने, झूठे आरोप में फंसाने के साथ प्रताड़ित करने और वसूली का आरोप लगाते हुए थाने में सुनवाई न होने पर कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई थी। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
चकेरी के काजीखेड़ा की रहने वाली सोनी ने बताया कि आठ साल पहले पति की मौत के बाद से वह नाबालिग बेटे के साथ रहती है। सोनी ने बताया कि 14 मई को चकेरी थाने के चार पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में आए और उसके नाबालिग बेटे का घर के बाहर से अपहरण कर लिया। जब वह बेटे को छुड़ाने के लिए वह थाने पहुंची तो पुलिसकर्मियों ने पांच लाख रुपये की मांग की। बेटे को बचाने के लिए 15 मई को जिला प्रोबेशन अधिकारी से लेकर 1098 पर संपर्क किया।
पुलिस कमिश्नर कार्यालय में भी शिकायत पत्र दिया। पुलिस कमिश्नर ने जांच का आश्वासन दिया लेकिन शिकायत से नाराज पुलिसकर्मियों ने बेटे को झूठे मामले में फंसा कर शस्त्र अधिनियम की धारा में एफआईआर दर्ज कर दी। साथ ही उसके साथ मारपीट भी की। इसपर पीड़ित महिला ने सीजेएम सूरज मिश्रा की कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। थाना प्रभारी अशोक दुबे ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर दरोगा पंकज कुमार मिश्रा, सिपाही गौरव यादव और दो अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ अपहरण, रंगदारी, गालीगलौज, मारपीट व धमकाने की धारा में रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।