रेलवे के माल परिवहन में हाथी, घोड़ा और ऊंट भी हैं, लेकिन 20 साल से कोई बुकिंग नहीं हुई। अब ट्रेन में अधिकतर कुत्तों के ही आवाजाही की बुकिंग की जाती है।
सांकेतिक तस्वीर।
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ट्रेन से कुत्ता, बिल्ली और पक्षी आवाजाही करते हैं, लेकिन हाथी, घोड़ा, ऊंट की बुकिंग 20 साल से नहीं हुई है। कैंट रेलवे स्टेशन के पार्सल घर के मुख्य पर्यवेक्षक विनोद कुमार यादव के अनुसार, हाथी, घोड़ा और ऊंट की बुकिंग अब कोई नहीं कराता है। महीने में 15 से 20 बुकिंग सिर्फ कुत्ते की होती है।
सर्कस बंद होने से बकिंग भी हुई बंद
इसके अलावा खरगोश, बिल्ली की भी गाहे-बगाहे ही बुकिंग आती है। एसी कोच में उन्हें ले जाने की व्यवस्था है। पहले जब सर्कस संचालित होते थे तो जानवरों को ट्रेन से ले जाया जाता था। जब से सर्कस बंद हुए हैं, इनकी बुकिंग भी बंद हो गई है।