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बगहनखेड़ा गांव में आपसी विवाद के बाद देवरानी को फंसाने के लिए मां ने अपनी दो साल की बेटी को छत से फेंक दिया। गनीमत रही कि बच्ची मिट्टी के ढेर पर गिरी, जिससे उसकी जान बच गई। पुलिस ने महिला पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज कर उसको गिरफ्तार कर लिया। उसने अपनी बेटी को मारकर देवरानी को जेल भिजवाने की साजिश रची थी।
गांव निवासी नागेंद्र मजदूरी करते हैं। शनिवार शाम उनकी पत्नी सविता का देवरानी से विवाद हो गया था। विवाद खत्म होने के कुछ देर बाद सविता दो साल की बेटी को लेकर छत पर गई और उसे नीचे फेंक दिया। आरोप लगाया कि देवरानी ने उसकी बेटी को फेंक दिया है। पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो पता चला कि जिस समय बच्ची को नीचे फेंका गया, उस वक्त सविता की देवरानी घर के बाहर थी। कई गवाह भी पुलिस के सामने आए। इससे सविता का आरोप झूठा पाया गया। तब पुलिस ने सख्ती से सविता से पूछताछ की। सविता ने बेटी को फेंकने की बात कुबूल कर ली। दरोगा अर्जुन सिंह की तहरीर पर सविता के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की गई।
बोली-इतने गुस्से में थी कि छत से बेटी को फेंकते हुए नहीं कांपे हाथ
पुलिस ने जब आरोपी सविता से पूछताछ की तो उसने कहा कि देवरानी से बहुत विवाद होता है। इसलिए उससे बहुत खुन्नस थी। किसी भी तरह से वह देवरानी को सबक सिखाना चाहती थी। इसलिए जब विवाद हुआ तो सोचा कि बेटी को ऊपर से फेंक दूंगी और बेटी की हत्या करने का आरोप देवरानी पर लगा दूंगी। सविता ने यह भी कहा कि देवरानी पर वह इतना गुस्सा थी कि बेटी को फेंकते हुए उसे दया नहीं आई।
बच्ची को खरोंच तक नहीं आई
पहली मंजिल से बच्ची को नीचे फेंका गया। मिट्टी के ढेर पर वह गिरी। उसको अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने कहा कि बच्ची को गंभीर चोट तो छोड़िए, खरोंच तक नहीं है। गांव वाले यही कह रहे थे-जाको राखे साइयां, मार सके न कोय।