भूमि अधिग्रहण घोटाले में शासन ने बरेली की कमिश्नर से रिपोर्ट तलब की और डीएम ने जांच कमेटी बनाई है। जांच कमेटी अब दोषी कर्मचारियों-अधिकारियों के नाम और उनकी भूमिका का पता लगाएगी।
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भूमि अधिग्रहण घोटाले में बरेली के डीएम की ओर से गठित जांच कमेटी ने पहले दिन प्रकरण को समझा और जांच के बिंदु तय किए। विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी से अधिग्रहण के अभिलेख मांगे हैं। कमेटी अब दोषी कर्मचारियों-अधिकारियों के नाम और उनकी भूमिका का पता लगाएगी। कमेटी की जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। शासन, विस्तृत जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा को प्रकरण सौंप सकता है। रिपोर्ट भी दर्ज हो सकती है। विवेचना में वित्तीय लेनदेन के साक्ष्य सामने आ सकते हैं।
बरेली-सितारगंज हाईवे के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण में फर्जीवाड़ा करके करोड़ों रुपये ज्यादा भुगतान हासिल करने का मामला एनएचएआई मुख्यालय से आई टीम की जांच में सामने आया था। जांच रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए एनएचएआई के चेयरमैन संतोष यादव ने 23 अगस्त को उप्र शासन के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को पत्र भेजा था।
इसके बाद शासन ने बरेली की कमिश्नर से रिपोर्ट तलब की और डीएम ने जांच कमेटी बनाई। कमेटी में मुख्य विकास अधिकारी जगप्रवेश अध्यक्ष, एडीएम वित्त एवं राजस्व संतोष बहादुर सिंह व बीडीए के विशेष कार्याधिकारी गौतम सिंह सदस्य हैं।