Varanasi News: पूजा के लिए मिट्टी व रजत सुवर्णादि धातु से निर्मित शिव-पार्वती जी की मूर्ति का पंचोपचार, दशोपचार और षोडशोपचार पूजा करने का विधान है। भगवान शिव भगवती पार्वती के साथ ही सुख समृद्धि के दाता श्रीगणेशजी की भी पूजा अर्चना करते हैं। हरतालिका तीज की कथा पढ़ी और सुनी जाती है। हरतालिका तीज का व्रत पूरी तरह से स्वच्छता ओर शुचिता के साथ आजीवन रखने पर अखंड सौभाग्य का योग बना रहता है।
हरतालिका तीज व्रत में इन बातों का रखें ध्यान।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
अखंड सौभाग्य की कामना से महिलाएं आज हरतालिका तीज का निर्जला व्रत रखेंगी। दो नक्षत्रों और शुक्ल योग के साथ ही हरतालिका तीज पर पूजन के लिए सुबह दो घंटे 31 मिनट का सर्वोत्तम मुहूर्त मिल रहा है। वहीं शाम को भी एक घंटे 10 मिनट का उत्तम मुहूर्त है। तृतीया युक्त चतुर्थी में भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन श्रद्धालुओं की सर्व मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला होगा।
हरतालिका तीज का व्रत शुक्रवार को रखा जाएगा। हरतालिका तीज पर हस्त नक्षत्र का बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है। जब माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए व्रत रखा था तो उस समय भी हस्त नक्षत्र का संयोग था। काशी के पंचांगों के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि दिन में 3:02 बजे तक रहेगी।